तमिलनाडू के डिन्डिगुल जिले में स्थित पलानी एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जिसकी पहाड़ियां भारत में प्राचीनतम पर्वत श्रंखलाओं का एक हिस्सा हैं। इस शहर का नाम दो तमिल शब्दों ‘पझम’ अर्थात फल एवं ‘नी’ याने तुम से बना है। जिस पर्वत श्रंखला पर यह दर्शनीय नगर बसा है, वह प्री कैम्ब्रियन काल की है। इसकी जमीन पर्वतों से भी ज्यादा पथरीलीलद है तथा पश्चिमी घाट के पूर्वी हिस्से में स्थित है।
इन पहाड़ियों पर बहुत सी खानाबदोश पेलियन जनजातियां निवास करती हैं। पलानी विश्वभर में एक पवित्र स्थल के रूप में प्रसिद्ध है तथा दुनियाभर से लोग यहां जुटते हैं। यह माना जाता है कि मुरूगन देवता यहां बसते थे। मुरूगन मंदिर नाम से लोकप्रिय,पलानी दंडायुधपाणिस्वामी स्वामी मुरुगन मंदिर पहाड़ी की चोटी पर बसा हुआ है। यहां का एक अन्य धार्मिक आकृषण, कुरिंजी अंडावर मंदिर, भी यहां से दिखाई पड़ता है।
एक सम्पन्न इतिहास वाली भूमि
इस स्थान का उल्लेख कई पवित्र पुस्तकों में भी देखने को मिलता है। इतिहास के विभिन्न कालों में पलानी मदुरई तथा कोयम्बटूर के शासकों के अधीन रहा है। देवी पेरीयनायकी अम्मान मंदिर की वास्तुकला पांड्य व नायक दोनों शासकों के प्रभावों को दर्शाती है। 18वीं सदी में इस स्थानएक पर हैदर अली तथा उसके बेटे टीपू सुल्तान का शासन था। टीपू नें एक तुच्छ भेंट के बदले बालासमुद्रम के पाल्यकरों को शासन सौंप दिया था। उसके बाद औपनिवेशिक काल के दौरान इसे ब्रिटिश शासन के अधीन कर लिया गया।
पलानी एवं इसके आस-पास के पर्यटन स्थल
पलानी में सर्वाधिक पवित्र भगवान सुब्राह्मन्यम, पलानी दंडायुधपाणिस्वामी मंदिर समेत कई अन्य मंदिर स्थित हैं। थिरूआविनाकुडी मंदिर, इडुम्बन मंदिर, गणपति देवता को समर्पित पडा विनयकर मंदिर, देवी पार्वती को समर्पित पेरिया नायकी अम्मान मंदिर, भगवान शिव को समर्पित पेरियन अवुडाइयर मंदिर तथा भगवान विष्णु को समर्पित कन्नडी पेरूमल मंदिर इस क्षेत्र के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में से हैं।
थाईपुसम, वैकासी विशकम तथा थिरूकरतिकइ, पलानी में काफी धूमधाम से मनाये जाने वाले त्यौहार हैं,जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। यह स्थान पक्षी प्रेमियों के लिए भी जन्नत है। बहुत से पक्षी जैसे नाइट हेरन, इग्रेट तथा गोल्डन बैक्ड कठफोड़वा सामान्य तौर पर यहां दिखाई देते हैं। यहां के पर्वतीय मैदान एवं प्राकृतिक खूबसूरती भी हाइकर्स, बैकपैकर्स तथा ट्रैकर्स को अपनी ओर बरबस ही खींच लेती है।
कैसे जाएं पलानी
पलानी की यात्रा कोई कठिन नहीं है। पलानी का नजदीकी हवाई अड्डा कोयम्बटूर हवाई अड्डा है, जो यहां से लगभग 100 किमी दूर है। यहां से पलानी के लिए टैक्सी तथा बसें आसानी से उपलब्ध हैं।पलानी रेलवे स्टेशन कोयम्बटूर व मदुरई से जुड़ा है, एवं ये स्टेशन भारत के प्रमुख स्टेशनों से जुड़े हुए हैं। तमिलनाडू के अन्य शहरों से राजकीय व निजी दोनों प्रकार की बसें पलानी के लिए चलती हैं।
पलानी का मौसम
पलानी की यात्रा के लिए सबसे बेहतर मौसम मानसून के बाद अक्टूबर से फरवरी के मध्य सर्दियों में होता है। मौसम सुखद होता है तथा शहर भी पूरे तरह खिला हुआ होता है क्योंकि सर्दियों के महीनों में मनाये जाने वाले थिपूयम, पोंगल तथा दीवाली जैसे विभिन्न त्यौहारों की तैयारियां जोरों पर होती हैं।