भोगर समाधि, भगवान मुरूगन के मंदिर के निकट दक्षिण-पश्चिम गलियारे में स्थित है। मंदिर का नाम ,पलानी मुरूगन के एक भक्त, भोगर के नाम पर पड़ा है, जिसके द्वारा मुरूगन मंदिर की मूर्ति को बनाया हुआ माना जाता है। स्थानीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, वह सिद्ध चिकित्सकीय पद्धति का परम्पागत वैध था, तथा उसने सिद्ध विज्ञान एवं औषधियों के प्रचार-प्रसार के लिए चीन की यात्रा की थी।
भोगर का शरीर भी उसी स्थान पर रखा गया है तथा यह माना जाता है कि भोगर की समाधि भगवान मुरूगन मंदिर से नीचे-नीचे मिली हुई है। मंदिर में मरगध शिवलिंग तथा अरूलमिगु भुवनेश्वरी अम्मान की भी मूर्ति है।