मोरनी हिल्स या भोज जबियाल हरियाणा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह पंचकूला और हरियाणा का उच्चतम बिंदु है। यह चंडीगढ़ से 45कि.मी. दूर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इसका नाम एक रानी के नाम पर रखा गया है जिसने कभी यहाँ शासन किया था। झीलों और वनस्पतियों की विभिन्न प्रजातियों के साथ हिमालय के प्राकृतिक दृश्य मनोहारी होते हैं। मोरनी हिल्स हिमालय की शिवालिक हिल्स का एक हिस्सा है।
हिल स्टेशन के अलावा इसी नाम से एक गाँव भी स्थित है। पहाडि़यों के बिल्कुल बीच दो झीलें स्थित हैं। एक पहाड़ी से अलग होने के कारण इनके बीच एक छिपा हुआ लिंक है क्यांकि दोनों झीलों में लगभग समान मात्रा में पानी रहता है। स्थानीय लोग इन झीलों को पवित्र मानते हैं।
मोरनी हिल्स और हरियाणा राज्य राजमार्ग के किनारे स्थित सड़क पर हरियाणा सरकार द्वारा ट्रेकर्स और पर्यटकों के लिए रिसार्ट बनवाए गए हैं। इन सड़कों की अच्छी देखभाल की जाती है जो चंडीगढ़ और आसपास के शहरों को जोड़ती हैं। भारतीय वन विभाग और लोक निर्माण विभाग द्वारा विश्राम गृह भी बनवाए गए हैं।
यहाँ स्विमिंग पूल, रोलर स्केटिंग रिंक और बच्चों के लिए खेल का मैदान भी उपलब्ध है। एक प्राचीन किला भी यहाँ मौजूद है जो लगभग खंडहर बन चुका है। ट्रैक के लिए उत्साही पर्यटकों के लिए मोरनी हिल्स हमेशा से पसंदीदा केंद्र बना हुआ है। मोरनी हिल्स में स्थित टिक्कर ताल, बड़ा टिक्कर तथा छोटा टिक्कर मानवनिर्मित छोटी झीलें हैं।
हरियाणा पर्यटन विभाग ने टिक्कर ताल पर कैंप लगाने वाले यात्रियों के रहने की व्यवस्था की है। ये झीलें मोरनी शहर से 7कि.मी. दूर हैं। आसपास का शांत वातावरण कैंप लगाने में सहायक होता है।पंचकूला के पहले एडवेंचर पार्क में आने वाले पर्यटकों को भी ये झीलें आकर्षित करती हैं। 2004 में हरियाणा पर्यटन द्वारा उद्घाटित किया गया पार्क छोटी झील के किनारे स्थित है।
इसका उद्येश्य निचले हिमालय क्षेत्र को एक एडवेंचर गंतव्य के रूप में लोकप्रिय बनाना है। लो रोप, कमांडो नेट, बर्मा ब्रिज, बोटिंग, कैनोइंग, कायाकिंग, सेलिंग, रैपलिंग ओर रोक-क्लाइंबिंग आदि कुछ गतिविधियाँ हैं जिनका मज़ा पर्यटक ले सकते हैं। यहाँ की जलवायु काफी स्वास्थ्यप्रद है और परिदृश्य ट्रैकिंग का मज़ा लेने के लिए उपयुक्त हैं।
इन घाटियों के बीच से घग्गर नदी बहती है। इस पहाड़ी के शीर्ष पर एक मोटल स्थित है जहाँ से इस घाटी के मंत्रमुग्ध कर देने वाले नज़ारें देखे जा सकते हैं। यहाँ हरेभरे बगीचे और एक बार भी है। अधिकतर पहाडि़यों को चीड़ के पेड़ों ने ढक रखा है।
संकीर्ण मार्ग होने के कारण घग्गर नदी के किनारे ट्रेक करना भी रोमांचक होता है। शहर के शोर से दूर प्रकृति की गोद में आराम करने के लिए मोरनी हिल्स एक अच्छी जगह है। चूंकि इस जगह का ठीक से पता नहीं लगाया जा सका है, पर्यटकों के लिए अभी भी बहुत सारे तथ्य छिपे हुए हैं। वनस्पतियों की विविध किस्में यहाँ उपलब्ध होती हैं। यहाँ अनेक ग्रामीण लोग रहते हैं जिनका मूल व्यवसाय कृषि है।
नीम, पीपल, जामुन, ढाक तथा चीड़ आदि कुछ पेड़ हैं जो मोरनी हिल्स के आसपास हरियाली बिखेरते हैं। वसंत के दौरान इन पेड़ों पर फूल लगते हैं और यह दृश्य देख्रने लायक होता है। कबूतर, बटेर और सैंड ग्राउस आदि कुछ पक्षी हैं जो पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। सांभर, बिज्जू और जंगली बिल्ली मोरनी हिल्स के वन्यजीव हैं।
पर्यटकों की सुविधा के लिए हरियाणा सरकार ने अनेक पैकेजों की व्यवस्था की है।