नाडा साहिब पंचकूला का एक धार्मिक स्थान है। यह गुरुद्वारा शहर से 15कि.मी. दूर घग्गर नदी के किनारे तथा शिवालिक पहाडि़यों की तलहटी में स्थित है। यह सिखों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इतिहास के अनुसार, गुरु गोबिंद सिंह अपने साथी योद्धाओं के साथ भंगनी की लड़ाई में मुग़लों को हराने के बाद इस जगह पर रुके थे।
गुरु गोबिंद सिंह के अनुयायियों में से एक नाडु शाह ने इस जगह विजयी योद्धाओं का स्वागत किया और गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया था। इसलिए इस गुरुद्वारे का नाम नाडा शाह उनके नाम पर रखा गया। हर महीने पूर्णिमा के दिन अनगिनत सिख इस जगह आते हैं। पूरे उत्तर भारत से लोग आने के कारण उनके लिए यहाँ उत्सव का माहौल होता है। मोठा सिंह द्वारा निर्मित मूल मंजी साहिब को बदल दिया गया है। वर्तमान में यह एक दोमंजि़ली गुंबदनुमा इमारत है। इसके बिल्कुल साथ एक मीटिंग हाल है। एक अलग परिसर में गुरु के लंगर और तीर्थयात्रियों के लिए रहने की व्यवस्था है।