भगवती मन्दिर प्राचीन स्थापत्य कला का जीता-जागता उदाहरण है। इसके महान और विस्तृत भित्तिचित्र तथा सौम्य शिलामूर्तियों में अपार कौशल झलकता है। भगवती मन्दिर पतनमतिटटा से 9 किमी की दूरी पर स्थित मलयालापपुझा में स्थित है। हलाँकि मन्दिर देवी मूकाम्बिका को समर्पित है किन्तु मन्दिर की प्रतिमा सम्मानित देवी भगवती को समर्पित है।
फरवरी और मार्च में आयोजित होने वाला यहाँ का वार्षिक उत्सव 11 दिन चलता है। मन्दिर का मुख्य समारोह पट्टुत्सवम और शिवरात्रि हैं जिनमें देवी देवताओं की आराधना भजनों के साथ की जाती है। भगवती मन्दिर पतनमतिटटा का भी एक अग्रणी तीर्थस्थल है। त्योहारों के दौरान इस मन्दिर की यात्रा आवश्यक हो जाती है।