बिर्खा, छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव जिले का एक धार्मिक स्थल है। यहां एक शिव मंदिर है जो पत्थर का बना है और जिसका मुख पूर्वी दिशा कि ओर है। यह गंदाई तहसील से 3 कि.मी दूर है और पहाड़ियों से भरा यह स्थान बहुत खूबसूरत है। भले ही आंशिक रूप से मंदिर बर्बाद हो चुका है, लेकिन मुख्य मंदिर में अभी भी गर्भा-गृह और मंड़प हैं।
इसके चारों ओर दीवारें हैं और गर्भा-गृह के योनिपिथा पर शिव लिंग रखा गया है। मंदिर का प्रवेश द्वार विशेष रुप से इसके दरवाजे की चौखट सुंदर तरीके से सजाई गई है। स्थायी शिव की मूर्ति एक द्वारपाल की तरह दिखाई देती है जबकि पृष्ठभूमि को घटा-पल्लव की आकृति से सजाया गया है। मंदिर के परिसर में भैरव नंदी और गणेश की मूर्तियां भी मौजूद हैं जिन्हें भक्तों तथा श्रद्धालुओं द्वारा पूजा जाता है।
इस मंदिर की वास्तुकला को एक उत्कृष्ट नमूना माना जाता है जिसे 10-11 वीं सदी के नागवंशी शासकों द्वारा बनाया गया था। यह उस अवधि में क्षेत्रीय मंदिरों की श्रेणी में हुए कला के अद्भुत काम को साबित करता है।