कोटेश्वर मंदिर, रुद्रप्रयाग शहर से 3 किमी की दूरी पर स्थित एक प्रख्यात हिंदू मंदिर है। यह गुफा मंदिर अलकनंदा नदी के किनारे , तट पर स्थित है। मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने केदारनाथ जाते समय, रास्ते में इस गुफा में साधना की थी और यह मूर्ति प्राकृतिक...
रुद्रप्रयाग में स्थित ‘त्रियुगी नारायण’ यात्रा की एक पवित्र जगह है, माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था तब यह ‘हिमवत’ की राजधानी था। रोचक तथ्य यह है कि जिस हवन कुण्ड की अग्नि को साक्षी मानकर विवाह...
जखोली, रूद्रप्रयाग जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। खूबसूरत पहाणियों से घिरा हुआ यह छोटा सा गाँव पर्यटकों को पर्वतारोहण का मौक़ा देता है। यहाँ से कुछ ही दूरी पर स्थित चामुंडा देवी का मंदिर और रुद्रनाथ का मंदिर देखने योग्य है। एक अन्य...
रूद्रप्रयाग मंदिर का नाम प्रमुख धार्मिक केन्द्रों में शामिल है, जो दो नदियों के संगम पर स्थित है, अलकनंदा और मंदाकिनी नदी। हिंदुओं के भगवान और विध्वंश (विनाश) के देवता भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक, दौरे पर आते हैं। ...
कार्तिक स्वामी, रुद्रप्रयाग जिले के पवित्र पर्यटक स्थलों में से एक है। रुद्रप्रयाग शहर से 38 किमी की दूरी पर स्थित इस जगह पर भगवान शिव के पुत्र, भगवान कार्तिकेय, को समर्पित एक मंदिर है। समुद्र की सतह से 3048 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह स्थान शक्तिशाली...
माँ हरियाली देवी मंदिर, रुद्रप्रयाग शहर से 37 किमी की दूरी पर स्थित एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है। समुद्र की सतह से 1400 मीटर की उंचाई पर स्थित यह जगह विशाल हिमालयन श्रेणियों से घिरी हुई है। मंदिर की देवी को सीता माता, बाला देवी और वैष्णो देवी के नाम से...
कालीमठ, रुद्रप्रयाग जिले के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। इसे भारत के सिद्ध पीठों में एक माना जाता है। कालीमठ में हिंदू देवी काली को समर्पित एक मंदिर है। नवरात्रि के शुभ अवसर पर इस मंदिर में देश के विभिन्न भागों से हज़ारों की संख्या में...
चन्द्रशिला की चोटी पर समुद्र की सतह से 3680 मीटर की ऊँचाई पर स्थित तुंगनाथ एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्यटन स्थान माना जाता है। 'पांच केदारों’ में से एक माना जाने वाला यह सर्वोच्चम मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। पुराण कथाओं के अनुसार बैल का रूप...
इंद्रासणी मनसा देवी मंदिर, कन्दली पट्टी गाँव में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। किंवदंतियों के अनुसार माना जाता है कि यह एक प्राचीन मंदिर है जो कि आदि गुरु शंकराचार्य के ज़माने में निर्मित किया गया था। इंद्रासणी मनसा देवी मंदिर नागों की देवी मनसा माता...
समुद्र तल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चंद्रशिला एक मनोरम पर्यटन स्थल है। गढ़वाल की हिमालय पर्वतमाला में स्थित इस जगह से पास की झीलों के अद्भुत दृश्य, घास के मैदान, नंदा देवी, त्रिशूल, केदार, बंदरपूंछ और चौखम्बा की चोटियों के अद्भुत दृश्य प्रस्तुत होते हैं।...
रूद्रप्रयाग से 49 किमी की दूरी पर स्थित देवरिया ताल एक सुंदर पर्यटन स्थल है। हरे भरे जंगलों से घिरी हुई यह एक अद्भुत झील है। इस झील के जल में गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और नीलकंठ की चोटियों के साथ चौखम्बा की श्रेणियों की स्पष्ट छवि प्रतिबिंबित...
उखीमठ, रुद्रप्रयाग जिले की एक पवित्र जगह है, माना जाता है कि इस जगह का यह नाम ‘बाणासुर’ की बेटी ‘ऊषा’ से उत्त्पन्न हुआ है। यह जगह कई हिंदू देवी देवताओं के लिए समर्पित विभिन्न मंदिरों जैसे ऊषा, शिव, अनिरुद्ध, पार्वती और मंधाता मंदिर की...
मद्महेश्वर मंदिर, मद्महेश्वर नदी के स्रोत (मुख) के पास के इलाके में स्थित है। समुद्र तल से 3289 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर को दूसरे केदार के रूप में जाना जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, जब भगवान शिव खुद को पांडवों से छिपाना चाहते थे, तब बचने के...