भगवान गौतम बुद्ध ने सारनाथ में ही लोगों को धर्म की शिक्षा देने के लिए धर्म चक्र को चलाया था और चार आर्य सत्य व आर्य अष्टांग मार्ग के बारे में बताया था। सारनाथ से ही बौद्ध धर्म पनपा और पूरी दुनिया में फैला। यहां तिब्बत, चीन, जापान और थाईलैंड जैसे देशों से ढेरों तीर्थ यात्री और बौद्ध विद्वान आते हैं।
इन देश के लोगों ने यहां अपने मंदिर बना लिए हैं और गांव में सीखने के लिए कई केन्द्रों की स्थापना भी की है। इन्हीं में से एक है काग्यु तिब्बती मठ। इसे वज्र विद्या संस्थान के नाम से भी जाना जाता है और इसकी स्थापना थरांगू रिनपोचे ने की थी। यह संस्थान डीयर पार्क के पास है, जहां गौतम बुद्ध ने पहला उपदेश दिया था।
काग्यु तिब्बती मठ सारनाथ में सबसे बड़ा मठ है और इसे बोध गया के पास स्थित नालंदा मनैस्टिक इंस्टीट्यूट की शैली में बनाया गया है। इस समय संस्था में 15 महंत और 4 योगिन हैं, जो यहां रहकर अध्ययन करते हैं।