गौरीसागर तालाब सिबसागर से करीब 12 किमी दूर है। करीब 200 साल पहले बनाए गए इस तालाब के आसपास तीन मंदिर हैं, जो कि दुर्गा और उनके विभिन्न रूपों को समर्पित है। मंदिर के साथ-साथ तालाब का निर्माण भी असम की रानी फुलेश्वरी देवी ने करवाया था।
वह हिंदू धर्म के सक्ता शाखा का अनुसरण करती थी और सक्ति को असम का रजकीय धर्म बनाने का भी प्रयास किया। इससे मोअमोरिया ने विद्रोह भी किया क्योंकि उन लोगों को दुर्गा की पूजा करने के लिए बाध्य किया गया था। 150 एकड़ में फैला विशाल तालाब और तीन मंदिर यहां के मुख्य आकर्षण हैं।
असम के अलावा देश के अन्य हिस्सों से भी श्रद्धालू यहां पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। तालाब के साथ-साथ आसपास का क्षेत्र पर्यटकों के लिए पिकनिक स्पॉट का भी काम करता है।