ब्रह्मपुरीश्वर मंदिर, सिरकाजी में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर में भगवान शिव और उनके दल तिरुमाला नायकी की पूजा होती है। मंदिर में भगवान शिव के तीन पूजा स्थल हैं। यहां दो अन्य मुख्य देवता टोनीअप्पार एवं सत्तानथर भी हैं। ब्रह्मपुरीश्वर मंदिर में 22 अलग-अलग 'तीर्थधाम' या तीर्थ स्थल हैं, एवं इन तीर्थम में सबसे मुख्य तीर्थम एक ब्रह्यतीर्थ है।
यह भव्य मंदिर चारों कोनों पर गोपुरम (लंबा टावरों) से घिरा हुआ है। किंवदंतियों के अनुसार, एक बार भगवान ब्रह्मा को बाली चक्रवर्ती को नरक का द्वार दिखा कर अहंकार और अभिमान हो गया। इससे होने वाले दुष्परिणामों से बचने के लिए, भगवान शिव नें उनके घमंड को दूर करने के लिए एक शिकारी का रूप धारण किया था।
ब्रह्मा ने अपनी मूर्खता का एहसास किया तथा पछताये। यह सभी इसी स्थान पर हुआ और इसलिए इस स्थान का नाम ब्रह्मपुरीश्वर मंदिर पड़ा है।