सिरसा और उसके आसपास का क्षेत्र, समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का स्वर्ग है। इसकी खोज, भारत के पुरातत्व सर्वे द्वारा घाघरा नदी के करीब 54 स्थलों पर खुदाई के बाद की गई। यह खोज, 1967 और 1968 में की गई थी। इस खोज में रंग महल संस्कृति की कई रंगों और कई डिजायन के ढ़ेर सारे बर्तन, कटोरे आदि प्राप्त हुए है।
सिरसा में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा की गई खोज में तीन प्रमुख ऐतिहासिक स्थल निम्म है :
अरनियान वाली : यह स्थल, सिरसा के सिरसा भद्र रोड़ पर 8 किमी. दक्षिण में स्थित है जहां चार एकड़ जमीन और दस फुट ऊंचा टीला स्थित है, यहां मध्ययुगीन अवधि से संबंधित टूटी हुई मिट्टी के बर्तन के टुकड़े प्राप्त किए गए है।
सिंकदरपुर : सिरसा के पूर्व में लगभग 12 किमी. की दूरी पर दो टीले एक दूसरे से एक मील की दूरी पर स्थित है। इन खोजों में एक भारी पत्थर की स्लैब, इंद्र देवता की मूर्ति और भगवान शिव की एकमुख लिंग के अलावा, मध्ययुगीन काल के मंदिर के नमूने और रंग महल के दौर के मिट्टी के बर्तन भी पाएं गए थे।
सुचान : यह सिरसा से पूर्व में 16 किमी. की दूरी पर स्थित है, यहां के टीले में मध्यकालीन युग के बर्तनों के टुकड़े मिले