याना में पत्थरों की अनोखी रचना पर्यटकों, प्रकृति प्रेमियों और ट्रेकर को अपनी ओर आकर्षित करती है। पत्थर इस छोटे से गाँव की विशिष्टता है जो वेस्टर्न घाट्स के सहय्धारी पर्वतमाला पर बसा है। यह गाँव उत्तर कन्नड़ जिले में है और कुम्ता (25 किलोमीटर) और सिरसी (40 किलोमीटर) पास के शहर हैं।
जगह के पीछे की कहावत
जो लोग पौराणिक कथाओं को पसंद करते हैं, उनके लिये याना में कई जगहें हैं जिनका विशेष महत्व है। इन पत्थरों की संरचना को लेकर कई कहावतें जुड़ी हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जब असुरों का राजा, भस्मासुर भगवान शिव का पीछा कर रहा था, तब भगवान शिव ने भैर्वेश्वर चोटी नामक पत्थर की संरचना में शरण ली थी।
जगन्मोहिनी नाम के दूसरे पत्थर, भगवान विष्णु का उल्लेख करता है, जिन्होंने मोहिनी का रूप धारण कर भगवान शिव कि रक्षा की थी। इन कहावतों के बाद यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी कि यहाँ महाशिवरात्रि का त्यौहार यहाँ बड़े धूम धाम से मनाया जाता है।
10 दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार में क्लासिकल डांस, संगीत प्रदर्शन और यक्षगान प्रदर्शन होते हैं। याना के पास ही एक गुफा मंदिर और झरना भी है। कैसे जाएं याना
निकटतम हवाईअड्डा गोवा हवाईअड्डा है जो 137 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। याना से निकटतम रेलवे स्टेशन हुबली है। राज्य परिवहन बसें भी कुम्ता और सिरसी से चलती हैं।