श्रीरंगापट्नम की यात्रा पर ‘टीपू का किला‘ नाम से प्रसिद्ध गुंबज अवश्य देखें। यह 20मीटर ऊँची इमारत मुख्य रूप से टीपू सुल्तान, उनके माता-पिता, फ़ातिमा बेग़म और हैदर अली की कब्रगाह है। टीपू सुल्तान के अनेक रिश्तेदारों व खास लोगों को भी यहाँ दफनाया गया। इस मकबरे की छत पर ग्रेनाइट लगा है, दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी है और मैसूर पर हैदर अली व टीपू सुल्तान के शासनकाल को दर्शते 36 ग्रेनाइट के स्तंभ हैं।
एक ऊँची सतह पर निर्मित यह 220 वर्ष पुराना किला, भारतरय-इस्लामिक वास्तुकला शैली को दर्शता है। हाथीदाँत से बने गुंबज के सुंदर आबनूस लार्ड डलहौजी द्वारा दिए गए थे। श्रीरंगापट्नम पर कब्जा करने के बाद अंग्रेज़ सोने व चाँदी के तीन मुख्यद्वार लंदन ले गए।इस समय वे लंदन के एलबर्ट संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए रखे हुए हैं।
गलियारे में भीतरी दीवारों पर लाह बाघ की धारियाँ और एम्फिबोल स्तंभ देखे जा सकते हैं।रंगनाथस्वामी मंदिर और जामा मस्जिद, दोनो स्मारक के परिसर में स्थित हैं। यह जगह एक सुंदर बगीचे के बीच में स्थित है जिसके साथ मस्जिद-ए-अक्स नामक मस्जिद बनी है।