कन्नूर जिले में स्थित, थालास्सेरी, उत्तरी केरल के सबसे गतिशील शहरों में से एक है। इसे तेलीचेरी के नाम से भी जाना जाता है, यह शहर मालाबार तट पर सुनहरे पंखों के साथ अपने जीवंत इतिहास और अद्भूत प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात है। इस जीवंत जगह का नाम भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में सर्कस, क्रिकेट और केक के जन्मस्थान के रूप में चिन्ह्ति है।
व्यापार की स्थापना के उद्देश्य के साथ ब्रिटिश ने 1682 में थालास्सेरी में प्रवेश किया। तटीय रेखा की समीपता के कारण यह शहर मुख्य वाणिज्यिक केंद्र बन गया। इस शहर को मालाबार की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में जाना जाता है क्यूंकि यहां काफी संख्या में साहित्यिक और राजनीतिक गतिविधियां होती रहती हैं। इस जीवंत शहर से पहला मलयालम अखबार और उपन्यास भी पब्लिश हुआ था।
थालास्सेरी के आस पास के स्थान
थालास्सेरी के मुख्य पर्यटन आकर्षणों में इंग्लिश चर्च, मछुआरा मंदिर, ओवरव्यूरी फॉली, थालास्सेरी किला और जुमा मस्जिद शामिल हैं। इतिहास प्रेमी यहां आकर हर्मन गनर्डट के बंगले को पसंद करेगें, हर्मन गनडर्ट एक जर्मन मिशनरी थे जिन्होने पहली मलयालम - अंग्रेजी शब्दकोश को संकलित किया था। माहे, भारत में प्रमुख फ्रेंच उपनिवेश है जो थालास्सेरी से 15 किमी. दूर स्थित है और यात्रा के लायक है।
वेलस्ले बंगला, रानदाट्टरा दालचीनी एस्टेट, कैथोलिक रोजरी चर्च, वामिल मंदिर, टैगोर पार्क, उदय कलारी संगम, गर्वमेंट हाउस और ओदाथिल पल्ली, इस ऐतिहासिक शहर की तरफ सैकड़ों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मुझापिलांगड़ तट, केरल का इकलौता ड्राइव - ईन - बीच है जो थालास्सेरी से लगभग 9 किमी. की दूरी पर स्थित है।
मौसम, कैसे पहुंचें थालास्सेरी
केक और बेकरी के जन्मस्थान होने की वजह से थालास्सेरी में अनूठी पाक संस्कृति है। शहर के सुखद मौसम में आनंद मिलता है और यह शहर रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जो लोग सांस्कृतिक, प्राकृतिक, जायकों और इतिहास में रूचि रखते है और उसे करीब से देखना चाहते हैं, उनके लिए थालास्सेरी आर्दश हॉलीडे स्पॉट है।