बागोर की हवेली, पिछोला झील के पास स्थित मेवाड़ रॉयल कोर्ट के मुख्यमंत्री, अमीर चंद बादवा द्वारा निर्मित एक पुराना भवन है। बारीक नक्काशी और सुंदर कांच का काम इस 18 वीं सदी की हवेली का प्रमुख आकर्षण है। बागोर के महाराणा शक्ति सिंह ने वर्ष 1878 में मुख्य संरचना में तीन मंजिलें और जोड़ी।
1986 में, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र (डब्ल्यू जेड सी सी) को यह इमारत दे दी गई। यहाँ एक संग्रहालय है, जो भित्ति चित्र और शाही वस्तओं के माध्यम से मेवाड़ की संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित करता है। इसके साथ - साथ पर्यटक पासा खेल, हाथ के पंखे, गहनों के बक्से, हुक्के, और पान के बक्से यहाँ देख सकते हैं। सुंदर रंगीन शीशों से बना मोर संग्रहालय का मुख्य आकर्षण है।
रानी चैंबर में, यात्री मेवाड़ के कुछ मूल चित्रों को देख सकते हैं। हवेली के अंदरूनी हिस्से सुंदर और नाजुक शीशे के काम से सजे हैं।