निलाय चाय बाग़ान उखरूल के दूसरे सबसे बड़े शहर, तालुई (जिसे ताल्लोई भी कहा जाता है) में स्थित है। हरी चाय इस बाग़ान की विशेषता है और यह बेहद लोकप्रिय भी है। चारों ओर हरियाली के साथ निलाय चाय बाग़ान तेज़ी से एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनता जा रहा है।
यहाँ उगाई गई...
खयांग झरना, भारत-म्यांमार सीमा के पास मणिपुर में स्थित सबसे बड़े झरना है। इस झरने को टेली झरना भी कहा जाता है, हालांकि स्थानीय लोग इसे खयांग के नाम से जानते हैं। उखरूल के जि़ला आयुक्त के द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार इस झरने की ऊँचाई 754 फीट है।
यह एक राजसी...
उखरूल के लोग अभी भी कृषि पर जीवित हैं, इसलिए उनके अधिकतर उत्सव कटाई और बुवाई से संबंधित हैं। प्राथमिक रूप से तंगखुल जाति(उखरूल में प्रमुख जाति) द्वारा मनाए जाने वाले कुछ मुख्य उत्सव हैं-
चुंफाः नवंबर और दिसंबर के महीनों के दौरान फसल कटाई के...
लुंघर सिहाई फानग्रेइ, उखरूल जि़ले में एक लंबी, समतल पहाड़ी श्रृंख्ला है। लुंघर सिहाई फानग्रेइ स्थानीय लोगों और अकसर आने वाले पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। लुंघर सिहाई फानग्राइ जिसे लुंघर सिहाई फानग्रेइ भी कहते है, शिरुई पीक से जा मिलती है जो शिरुई...
हालांकि, अनेक खुले स्थान उखरूल में पर्यटकों के आने का कारण बनते हैं, बहुत सारे पार्क भी इसके आकर्षण का केंद्र हैं। उखरूल के बीचोंबीच स्थित एल शैदाई पार्क एक ऐसा ही पार्क है जो पर्यटकों के साथ साथ स्थानीय लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।
शहर के केंद्र में...
उखरूल के पास अचुवा मागी पहाडि़यों पर स्थित कचोउफुंग झील एक प्राकृतिक झील है। यह खयांग झरने से 7कि.मी. दूर है। यह झील 9 एकड़ ज़मीन पर फैली हुई है और और मोटे तौर पर भारतीय नक्षे के आकार की है। झील आकार आमतौर पर बरसात के मौसम में बढ़ जाता है, और यदि पास में स्थित...
डंकन इकोलाजिकल पार्क उखरूल जि़ले के सबसे बड़े पार्कों में से एक है। फुनग्रेई में उखरूल जि़ला मुख्यालय से 3कि.मी. दूर स्थित यह पार्कएक पिकनिक स्पॉट है। यह 1984 में स्थापित किया गया था। इसके अंदर बना बच्चों का पार्क बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करता है और...
खयांग पीक उखरूल जि़ले की सबसे ऊँची चोटी है। यह समुद्रतल से 3114 मी. की ऊँचाई पर स्थित है। इस चोटी से पूरे क्षेत्र का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है- ऊँची पहाडि़याँ, घुमावदार जलधाराएँ, सुंदर घाटियाँ और रंगीन बस्तियाँ। खयांग पीक से दिखने वाला नज़ारा एकदम जादुई लगता...
जापानी तालाब, उखरूल शहर में स्थित एक तालाब है। इस तालाब का उपयोग व्यावसायिक तौर पर मछली के प्रजनन के लिए किया जाता है। तालाब के आसपास का क्षेत्र छत की खेती के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो जि़ले की अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाता है। यह बड़ा तालाब और इसके आसपास का...
समुद्रतल से 2,835 मी. ऊपर स्थित शिरुई काशोग पीक एक लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण है। यह पीक दो मुख्य कारणों से प्रसिद्ध है- पहला यह कि उखरूल में बहने वाली अधिकतर बड़ी नदियाँ इस पीक की ढलानों और दरारों में से उत्पन्न होती हैं। दूसरा यह कि प्रसिद्ध शिरुई लिली इसी जगह पर...
स्थानीय रूप से खांगखुई मंगसोर गुफा के नाम से प्रसिद्ध, प्राकृतिक चूना पत्थर से बनी यह गुफा किसी भी पुरातत्वविद् के लिए एक अच्छी जगह है। यह भारत की सबसे पुरानी गुफाओं में से एक है। खांगखुई मंगसोर गुफा खांगखुई में स्थित है जो कि उखरूल से 16कि.मी. दूर स्थित एक छोट सा...
अधिकतर लोगों के लिए अनजान और अछूता जंगल, एंगो चिंग एक बहुत अच्छी जगह है। 150 वर्ग कि.मी. वन क्षेत्र को ढके हुए एंगो चिंग पूर्व में म्यांमार सीमा पर स्थित है जबकि पश्चिम में सनलोक(चामू) नदी बहती है, उत्तर में कचोउफुंग और दक्षिण में चैत्रिक स्थित है।
मुश्किल...