बादामी किला इस क्षेत्र का एक प्रमुख आकर्षण है जो एक पहाडी के शीर्ष पर बादामी गुफाओं के ठीक सामने स्थित है। यह किला मुख्य शहर से 2 किमी. की दूरी पर तथा भूतनाथ मंदिर की पूर्व दिशा में स्थित है। एक समय में यह चालुक्य वंश के राजाओं का घर था। इस किले तक केवल पैदल ही पहुंचा जा सकता है। इस किले में दो शिवालय हैं जिनका निर्माण 5 वीं शताब्दी में राजा पुलकेसन द्वितीय ने 5 वीं शताब्दी में किया था जो भगवान विष्णु की पूजा करते थे।
ऊपर का शिवालय भगवान शिव को समर्पित है जबकि नीचे वाला भगवान गणेश को समर्पित है। ऊपरी शिवालय की बाहरी दीवारों पर पर्यटक पौराणिक कथाओं की नक्काशी देख सकते हैं जैसे हाथी और शेर। शिवालय के उत्तर में 16 वीं शताब्दी की टीपू सुल्तान के काल की एक तोप है जो 14 वीं शताब्दी के वॉच टॉवर के समान दिखती है। यह किला इस क्षेत्र के प्रमुख आकर्षण स्थलों में गिना जाता है जहाँ एक बड़ा अन्न भंडार, एक निजी कक्ष, चारदीवारें तथा एक गुप्त भूमिगत कक्ष है।