भूतनाथ मंदिर भूतनाथ समूह के दो प्रमुख मंदिरों में से एक है। बलुआ पत्थर से बना यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है जिनकी यहाँ भूतनाथ अवतार में पूजा की जाती है। भूतनाथ का अर्थ है “आत्माओं के देवता”। खुला मंडप (कक्ष या वरांडा) झील तक फैला हुआ है जो पर्यटकों को पूर्वी दक्षिण भारतीय द्रविड़ियन या उत्तर भारतीय नगर शैली की याद दिलाता है।
इस मंदिर तथा आंतरिक मंडप के निर्माण का श्रेय बादामी चालुक्यों को जाता है जिन्होंने 7 वीं शताब्दी में इसका निर्माण किया जबकि कल्याणी चालुक्यों ने 11 वीं शताब्दी में बादामी कुंड के सामने बाहरी मंडप का निर्माण किया था। मंदिर के पीछे चट्टानों पर जैन चित्र तथा भगवान विष्णु के अवतार उकेरे गए हैं जो आज भी दिखाई देते हैं।
इस मंदिर का निर्माण 5 वीं शताब्दी में एक छोटी पहाड़ी के शीर्ष पर अगस्त्य झील के पूर्वी तरफ किया गया था; यह मंदिर पास स्थित किले के सामने स्थित है।