अनंतपुरा मंदिर केरल में केवल एक ही झील या तालाब वाला मंदिर है। लोक कथाओं के अनुसार यह अनंत पद्मनाभ स्वामी का मूल आसन या मूल स्थान है। यहं मंदिर की झील में एक मगर रहता है और ऐसा माना जाता है कि यह सम्मानित प्राणी मंदिर का रक्षक है। ऐसा भी कहा जाता है कि जब मगर की मृत्यु होती है तो आश्चर्यजनक रूप से कोई दूसरा मगर उसका स्थान ले लेता है।
अनंतपुरा मंदिर का निर्माण नौवीं शताब्दी में हुआ था। यह मंदिर बेकल से 30 किमी दूर स्थित है। इस मंदिर की महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि जाति, जातीयता और धर्म की परवाह किए बिना यहाँ कोई भी जा सकता है।
मंदिर में एक चुत्ताम्बलम है (मुख्य मंदिर के चारों ओर निर्मित बरामदा)। मंदिर की झील, जिसमें यह पवित्र स्थल स्थित है, एक बड़ी इमारत के अंदर है। इसका माप लगभग 302 स्क्वायर फीट है जो लगभग 2 एकड़ के बराबर होता है।