मलिक दीनार मस्जिद को औपचारिक तौर पर मलिक दीनार ग्रैंड जुमा मस्जिद कहा जाता है। इसका निर्माण मलिक इब्न दीनार ने थलंकरा में करवाया था। मूल रूप से इसका निर्माण 642 ई. में हुआ था और 1809 में इसका पुनर्निर्माण किया गया।
यह भारत की एक प्राचीन एवं ऐतिहासिक मस्जिद है। मस्जिद में मलिक इब्न मोहम्मद की कब्र है जो मलिक इब्न दिनार के एक वंशज थे। यह मुसलामानों के लिए एक पवित्र स्थल है। इस प्राचीन मस्जिद को पूर्ण रूप से ख़ास मलाबार शैली में बनाया गया है। ऐसा माना जाता है कि मलिक इब्न दीनार इस्लाम धर्म का प्रचार करने के लिए कासरगोड पहुंचे थे।
तब उस समय कासरगोड के शासक राजा चेरमन पेरूमल इस्लाम धर्म से बहुत प्रभावित हुए एवं बाद में उन्होंने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म को अपनाया। उर्स महोत्सव के दौरान कई पर्यटक और श्रद्धालू मस्जिद में आते हैं।