दुमका की प्रसिद्धि एक जनजातीय क्षेत्र के रूप में हैं। यह सबसे पुराना जिला होने के साथ-साथ झारखंड के संथाल परगना डिविजन का मुख्यालय भी है। यह शहर मंत्रमुग्ध कर देने वाली खूबसूरती से भरा पड़ा है। यहां के विशाल पहाड़, सुरम्य प्राकृतिक दृश्य, निर्मल नदियां और हरी-भरी घाटियों को देखकर आप रोमांचित हुए बिना नहीं रह सकेंगे।
झारखंड के 24 जिलों में से एक दुमका की गिनती कभी भारत के सबसे पिछड़े जिलों में होती थी। मूल रूप से दुमका अंग्रेजों द्वारा बनाया गया एक प्रशासनिक जिला था, जिसे दमिन-ई-को नाम से जाना जाता था। वर्तमान में यह झारखंड की उपराजधानी है। भारी कटाव के कारण दुमका के जमीन की उत्पादकता काफी कम है।
दुमका और आसपास में घूमने लायक स्थान
दुमका जिला चारों ओर से पहाड़, जंगल और नदी से घिरा हुआ है। ज्यादातर हिस्सा ऊंची भूमि पर बसा हुआ है, जहां उत्तर से दक्षिण की ओर पहाड़ है। लागवा हिल्स नोनीहाट के पास स्थित है। अपनी अद्भुत सुंदरता के कारण यह दुमका को एक घूमने लायक स्थान बना देता है। साथ ही दुमका उन लोगों के लिए भी एक आदर्श स्थान है जिनकी रुचि ट्रेकिंग में होती है।
दुमका का दक्षिणी-पूर्वी हिस्सा रामगढ़ हिल्स से घिरा हुआ है। इस शहर में बड़ी संख्या में श्रद्धालू भी आते हैं। धार्मिक स्थलों में बाबा वासुकीनाथ धाम, मलूटी, बाबा सुमेश्वर नाथ और छोटोनाथ प्रमुख है। इसके अलावा मसनजोर बांध, कुमराबाद, कुरवार या श्रृष्टि पार्क यहां के कुछ खास पिकनिक स्पॉट हैं। मयूराक्षी नदी दुमका से बहने वाली प्रमुख नदी है।
दुमका घूमने का सबसे अच्छा समय
दुमका की जलवायु काफी नम होती है। गर्मी में यहां का मौसम गर्म होने के साथ-साथ आर्द्र भी होता है। वहीं ठंड का मौसम काफी खुशनुमा होता है।
कैसे पहुंचें
सड़क मार्ग के जरिए दुमका अच्छे से जुड़ा हुआ है। साथ ही जसीडीह से रेल मार्ग के जरिए भी दुमका पहुंचा जा सकता है। यहां कुछ नई रेल लाइन बिछने वाली है, जिससे दुमका पहुंचना और भी सुविधाजनक हो जाएगा।