कई सदियों से हल्दिया का उपयोग पश्चिम बंगाल के राजधानी शहर कोलकाता के विकासक्षम बंदरगाह के रूप में किया जा रहा है। कोलकाता का समुद्र उथला है जो सिल्ट जमने के कारण बड़े जहाज़ों के लिए उपयुक्त नहीं है। अत: राज्य सरकार को हल्दिया का निर्माण करना पड़ा। इस प्रक्रिया में हल्दिया एक समृद्ध औद्योगिक शहर के रूप में उभरा और यहाँ व्यापार और भ्रमण हेतु प्रतिवर्ष अनेक पर्यटक आने लगे।
हल्दिया में तथा इसके आसपास पर्यटन स्थल
हल्दिया में पर्यटन के अनेक स्थान हैं जैसे ब्रजनाथचक, ब्रजलालचक, कासुरिना कोस्टलाइन, गोपालजी मंदिर तथा अन्य।
हल्दिया की संस्कृति
यहाँ का आधुनिकीकरण और मॉल संस्कृति इसे उचित सप्ताहांत गंतव्य बनाती है। शायद भारत का सबसे लोकप्रिय मॉल सिटी सेंटर मॉल इस छोटे से शहर के रहिवासी क्षेत्र में स्थित है। अधिकांश रहिवासी क्वार्टर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के कर्मचारियों के लिए और स्थानीय लोगों के लिए बने हैं जहाँ विभिन्न स्तरों के पेशेवर और उनके परिवार रहते हैं जिसके कारण यहाँ विविधता पाई जाती है।
उपनिवेशी जीवनशैली होने के कारण हल्दिया में अनेक होटल और रेस्टारेंट खुले हैं जो स्वादिष्ट बंगाली भोजन, विशेष रूप से सी फ़ूड (समुद्री जीवों से बने खाद्य पदार्थ) प्रदान करते हैं।
कासुरिना कोस्टलाइन में सुंदर वृक्ष लगाये गए हैं तथा यह एक सुंदर पिकनिक स्थल है जहाँ स्थानीय लोग सप्ताहांत में आते हैं। कोलकाता के शोरगुल भरे जीवन से अलग हल्दिया शांत स्थान है तथा यह निकट स्थित होने के कारण महत्वपूर्ण भी है। जिस प्रकार बंगाली लोग खेलों के शौकीन हैं वैसे ही यहाँ भी टाटा फुटबॉल स्टेडियम है जहाँ युवा खेलों पर अपने हाथ आज़माते रहते हैं। शीघ्र ही हल्दिया कला विशेष आर्थिक क्षेत्र के एक राज्य की मेजबानी करेगा। आप ब्रजनाथचक और ब्रजलालचक बस्तियों की सैर अवश्य करनी चाहिए जो हल्दिया के वास्तविक रूप को प्रदर्शित करती हैं।
हल्दिया का मौसम
हल्दिया की जलवायु को तीन प्रमुख मौसमों में विभाजित किया गया है – गर्मी, ठंड और मानसून।
हल्दिया कैसे पहुंचे
पर्यटक हवाई मार्ग, रेलमार्ग या रास्ते द्वारा भी हल्दिया तक पहुँच सकते हैं।