गोगरीपुर करनाल जिले में निसिंग ब्लॉक में एक गांव है। यह करनाल शहर के दक्षिण में 7 किलोमीटर दूर स्थित है और बज़िदा जतन रेलवे स्टेशन से पहुँचा जा सकता है। यह गांव एक मुस्लिम संत या एक पीर, बू अली कलंदर को समर्पित एक लोकप्रिय मंदिर के लिए जाना जाता है शब्द 'कलंदर' का मतलब होता है व्यक्ति एक भिक्षुक जिसकी न तो कोई संपत्ति होती है और न ही वो इसकी चाहत रखता है। इस शब्द का शाब्दिक अर्थ में भिखारी नहीं हैं।
उन्हें उर्दू में 'दरवेश' भी कहा जाता है। कलंदर भगवान के प्रिय व्यक्ति होते हैं, जिन्हें जो मिल जाता है उसी पर जीवन बसर कर लेते हैं। वे हमेशा भगवान की भक्ति के नशे में रहते हैं और बहुत कम ऐसा होता है वे भैतिक सुखों के साथ दिखें। चूंकि वे भगवान के सबसे ज्यादा प्रिय लोगों में से थे, इसलिये ईश्वर ने उन्हें कभी भूखा नहीं रखा।
इसीलिए अक्सर कलंदर को एक बादशाह के रूप में देखा गया, जो एक पवित्र व्यक्ति है, जिसे दुनिया में किसी की चिंता नहीं और अपन आसपास के लोगों को सबसे अमूल्य उपहार देते रहते। कलंदर अपनी दिव्य शक्ति से गंभीर रोगों को चुटकियों में ठीक कर देते और कंगाल को राजा में बदल सकते हैं।
वे अविश्वसनीय चमत्कार कर सकते हैं, लेकिन वे अपने स्वयं के लाभ के लिए कुछ भी नहीं करते। गांव गोगरीपुर में एक ऐसे ही कलंदर की समाधि है, जिस पर उसे नाज़ है। प्रार्थना करने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आशीर्वाद लेने के लिए उनके मकबरे पर लोगों की भीड़ लगती है।