कज़ीमार बड़ी मस्जिद मदुरई जंक्शन तथा पेरियार बस स्टैंड के पास स्थित है। यह एक प्राचीन मस्जिद है जिसका निर्माण 13वीं शताब्दी में पैगंबर मोहम्मद के अनुयायी हज़रत काज़ी सैयद ताजुद्दीन ने करवाया था। ऐसा विश्वास है कि यह मदुरई की सबसे पुरानी मस्जिद है।
जब वे ओमान...
कूडल अल्ज़गर मंदिर दक्षिण भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह मंदिर एक वैष्णव मंदिर है जो भगवान विष्णु को समर्पित है तथा मंदिर के ठीक सामने भगवान विष्णु की एक बड़ी मूर्ति है। यह मंदिर शहर के मध्य में मुख्य बस स्टैंड के पास स्थित है। मंदिर के अंदर भगवान विष्णु...
तिरुमलाई नयक्कर पैलेस एक सुंदर महल है जिसका निर्माण हिंदू – अरबी शैली में नायक राजा तिरुमलाई नायक ने 16 वीं शताब्दी में किया था। इस महल में लाईट और साउंड शो दिखाया जाता है जिसमें तिरुमलाई नयक्कर और सिलापतिकारम का जीवन दिखाया जाता है।
आज मंदिर का एक...
मीनाक्षी अम्मा मंदिर भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। देवी पार्वती को मीनाक्षी भी कहा जाता है। यह मंदिर मदुरई के साथ पूरे देश का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। किवदंती है कि मदुरई देवी का निवास स्थान था तथा उनसे विवाह करने के लिए भगवान शिव यहाँ आये...
गोरिपलायम दरगाह शहर की सबसे बड़ी दरगाह है। यह दरगाह वैगई नदी के उत्तर में स्थित है तथा कहा जाता है कि इसका निर्माण 13 वीं शताब्दी में तिरुमलाई नायक ने किया था। इस दरगाह में दो मुस्लिम संतों और राजाओं की कब्र है जिनके नाम हज़रत सुल्तान अलाउद्दीन तथा ओमान के सुल्तान...
तिरुपरंकुन्द्रम मदुरई के निकट स्थित शहर है जो मदुरई से 8 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर अपने मुरुगन मंदिर तथा हज़रत सुल्तान सिकंदर बादशाह शहीद की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है। दरगाह तिरुपरंकुन्द्रम पहाड़ियों के ऊपर स्थित है। मुरुगन मंदिर पहाड़ी की नक्काशी से बनाया...
मदुरई में शॉपिंग एक आनंददायक अनुभव होता है। वास्तव में शॉपिंग के बिना मदुरई की सैर अधूरी है। यह शहर अपने कपड़ों और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर अपनी सिल्क (रेशम), कॉटन, बाटिक और सुन्गुन्दी साड़ियों के लिए जाना जाता है।
हस्तशिल्प जैसे धातु के लैंप,...
मदुरई में स्थित गांधी संग्रहालय देश के पांच संग्रहालयों में से एक है तथा यहाँ गांधीजी की स्मृति से जुडी कई वस्तुएं रखी गई हैं जैसे उनकी खून से सनी हुई धोती जो उन्होंने उस दिन पहनी थी जब उन्हें मारा गया था। इस संग्रहालय में गांधीजी के अनेक फोटो भी रखे गए हैं।
...अलगर कोविल एक मंदिर है जिसका नाम हिंदू देवता भगवान विष्णु के नाम पर पड़ा। यह मंदिर सिरुमलाई पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है जो मदुरई से लगभग 20 किमी. की दूरी पर है। यहाँ आकार में कम होते हुए तीन गर्भगृह है जहाँ भगवान के मूर्ति रखी गई है। यह मंदिर अपनी नाज़ुक...
पज्हामुदिरचोलाई एक मंदिर है जो हिंदू भगवान मुरुगन या सुब्रमण्यम को समर्पित है। यह मंदिर अलगर कोइल मंदिर के पास सोलैमलाई पहाडी के ऊपर स्थित है। यह मंदिर भगवान सुब्रमण्यम के पवित्र निवास स्थानों में से एक है। प्रतिदिन शाम को भगवान की मूर्ति सुनहरे रथ पर घुमाई जाती...
वन्दीयुर मरिअम्मन तेप्पकुलम एक कुंड है जिसका निर्माण 1646 में किया गया था। 16 एकड़ के क्षेत्र में फैले हुए इस विशाल कुंड का निर्माण तिरुमलाई नायक ने किया था। यह कुंड मीनाक्षी मंदिर से पूर्व की ओर लगभग 5 किमी. की दूरी पर स्थित है।
इस कुंड के मध्य में भगवान...
तिरुचुज्ही मदुरई के पास स्थित एक गाँव हैं। यह गाँव एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है क्योंकि यह संत श्री रमना महर्षि का जन्म स्थान है। ये भारत के 20 वीं शताब्दी के सबसे अधिक पूजनीय संत थे। इस गाँव में संत को समर्पित एक आश्रम भी है जो श्री रमना आश्रम के नाम से जाना जाता...
अथिसायम थीम पार्क मदुरई से 5 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह पार्क मदुरई डिंडीगुल हाइवे पर परवाई में स्थित है। पार्क 70 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस थीम पार्क में 40 गेम्स तथा 20 वॉटर राईड्स हैं। वॉटर राईड्स इस पार्क की मुख्य विशेषता है। वॉटर राईड्स कोर्टअल्लम...
अरुप्पूक्कोट्टई शहर मदुरई से लगभग 48 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह स्थान मोगरे के फूल के उत्पादन तथा विभिन्न मंदिरों, मस्जिदों और चर्चों के लिए प्रसिद्ध है। इस स्थान के प्रमुख आकर्षण नाल्लीर मुहीदीन अंदावर मस्जिद, वाज्हवंधापुरम जुमाह पल्लिवासल, थौकिथ जमात...
मीनाक्षी अम्मा मंदिर संग्रहालय मंदिर के परिसर में 1000 स्तंभों वाले कक्ष में स्थित है। यह संग्रहालय पर्यटकों को हिंदू धर्म की एक झलक तथा इस शानदार मंदिर के 1200 वर्ष पुराने इतिहास को प्रदर्शित करता है। इस संग्रहालय से द्रविड़ियन मूर्तिकला के बारे में भी जानकारी...