मोकोकचुंग - एओ प्रजाति की एक अच्छी झलक
प्राचीन नागालैंड राज्य की यात्रा मोकोकचुंग की यात्रा के बिना अधूरी है, जो कि राज्य का एक प्रमुख जिला मुख्यालय है। मुख्य रूप से एओ प्रजाति के घनत्व वाला मोकोकचुंग दीमापुर और......
उखरुल पर्यटन - विदेशी शिरुई लिली की भूमि
यदि आपको हरियाली सदा ही आकर्षित करती है तो आपको उखरुल ज़रूर आना चाहिए। उखरुल जि़ले का जि़ला मुख्यालय मणिपुर में है। उखरुल करामाती, सुंदर और अद्भुत है। भीड़भाड़, कारों के शोर,......
किफिर - सारामाटी पर्वतीय दृश्यों का नजारा पेश करता शहर
किफिर नागालैंड का छोटा सा शहर है जोकि नागालैंड के ऐसे आकृषक स्थान पर बसा है जहां से नागालैंड के सर्वोच्च पर्वतीय शिखर सारामाटी के खूबसूरत दृश्यों का लुत्फ लिया जा सकता है। किफिर......
वोखा - लोथाओं की भूमि
वोखा राज्य के दक्षिणी हिस्से में जिला मुख्यालय और एक शहर है। यहाँ नगालैंड में सबसे बड़े जनजातियों लोथाओं का निवास है। अपने इतिहास के अधिकांश हिस्से में देखें तो, यह जगह......
जुन्हेबोटो पर्यटन- पहाड़ियों की चोटी पर एक भूमि
नागालैंड के हृदय में स्थित जुन्हेबोटो, समुद्र की सतह से लगभग 1800 किमी की ऊँचाई पर स्थित है। इसके पूरब में मोकोकचुंग और पश्चिम में वोखा इसके पड़ोसी जिले हैं। जुन्हेबोटो भी एक......
तेजू - खूबसूरत वादियों और नदियों का शहर
अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले में स्थित तेजू एक छोटा सा कस्बा है। यह अपनी खूबसूरत वादियों और नदियों के लिए जाना जाता है। मिशमि जनजाति के लोग यहां के प्राचीन बाशिंदे हैं। इस......
कोहिमा पर्यटन - केवही फूलों की भूमि
कोहिमा, नगालैंड की राजधानी, पूर्वोत्तर भारत के सबसे सुंदर स्थानों में से एक है। इस जगह ने पीढि़यों से लोगों को अपनी सुंदरता से मंत्रमुग्ध कर रखा है। कोहिमा को यह......
जाइरो पर्यटन – प्रकृति की जबरदस्त सुन्दरता की यात्रा
अरूणाचल प्रदेश के सबसे प्रचीन शहरों में से एक, जाइरो एक छोटा सा हिल स्टेशन है जो धान के खेतों से घिरा रहता है और चीड़ के सुन्दर पेड़ों के बीच स्थित है। पूरे क्षेत्र में फैले घने......
मियाओ – निस्तब्धता को दर्शाती एक जगह
असम बोर्डर से 25 किलोमीटर की दूरी पर एक क्षेत्र है ‘मियाओ’, यह चांगलांग जिले का एक उप-संभाग है। मियाओ उत्तर-पूर्वी भारत का सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र होने के......
दीमापुर - विशाल नदी के निकट शहर
उत्तर पूर्व के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक माना जाने वाला दीमापुर, नगालैंड के लिए प्रवेश द्वार है। एक समय में यह साम्राज्य की समृद्ध राजधानी थी, आज भले ही यह......
सेनापति - प्रकृति में खो जाने का स्थान
सेनापति, मणिपुर राज्य के नौ जिलों में से एक है और यदि आप एक एक प्रकृति प्रेमी हैं तो आपके लिए यह यात्रा करने लायक सबसे अच्छा स्थल है। सेनापति इस जिले के एक शहर का......
काजीरंगा - जंगल के क्षेत्र में एक बिल्कुल सही रास्ते का ठहराव
राष्ट्रीय उद्यान में रहना उद्यान के अन्दर दिन बिताने तक ही सीमित नहीं है। राष्ट्रीय उद्यान में और इसके आसपास कई आकर्षण हैं, जहां आप दो दिन के अन्दर घूम सकते हैं। सोनितपुर जिले......
डिब्रूगढ़ - चाय के बागानों का स्थल
डिब्रूगढ़ शहर अपने आप में एक सौंदर्य है, जिसके एक तरफ छल-छल करती हुई गिरती ब्रह्मपुत्र नदी तो दूसरी ओर शहर के किनारों पर हिमालय की शृंखलाएं नीचे की ओर जाती हुई दिखाई देती......
पासीघाट - अरुणाचल प्रदेश का सबसे पुराना शहर
पासीघाट, जिसे अरुणाचल प्रदेश का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है, इस राज्य का सबसे पुराना शहर है। पासीघाट को 1911 में, अंग्रेजों ने स्थापित किया था, जो आज पूर्वी सियांग जिले के......
लॉन्गलेंग - एक रोमांचक सफर
लॉन्गलेंग को नागालैंड का जिला मुख्यालय घोषित किया गया है। किफिर की तरह ही यह भी एक नया जिला है। लॉन्गलेंग को 24 जनवरी 2004 को पूर्ण जिला घोषित किया गया था। यह समुद्र के स्तर से......
त्युएनसांग - एक ही स्थान पर असंख्य आदिवासी रंग
त्युएनसांग, नागालैंड के सबसे बड़े एवं सुदूर पूर्व का जिला मुख्यालय है जो त्युएनसांग के नाम से ही है। यह न केवल अपने आकार के कारण बल्कि अपने विशेष संवैधानिक विशेषाधिकारों की वजह......
सिबसागर - लंबे समय तक रहा अहोम की राजधानी
सिबसागर को शिवसागर के नाम से भी जाना जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है- भगवान शिव का समुद्र। असम की राजधानी गुवाहाटी से 360 किमी दूर स्थित सिबसागर इसी नाम के जिले का जिला......
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान – उत्तर पूर्व में वन्य जीवन की खोज
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है। संपूर्ण पूर्वी हिमालय जिसे जैव विविधता का हॉट स्पॉट घोषित किया गया है, का नमदाफा सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र......
रोइंग - प्रकृति के सौंदर्य में बसे खूबसूरत रास्ते
रोइंग, हरी - भरी घाटियों और करामती पहाडि़यों वाला पर्यटन स्थल है जो अरूणाचल प्रदेश के लोअर दिबांग वैली जिले का मुख्यालय है। यह अरूणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग का एक......
जोरहाट - चाय बागानों से घिरा शहर
जोरहाट, असम के प्रमुख शहरों में से एक है और राज्य के उत्तरी भाग में अपनी सामरिक स्थिति के कारण यह ऊपरी असम और नागालैंड राज्य के लिए एक प्रवेश द्वार बना देता है।......
फ़ेक - जहाँ होता है प्रकृति और संस्कृति का मिलाप
नागालैंड भारत के उन अज्ञात हिस्सों में से एक है जिसने अपनी पहाड़ियों, घाटियों और मैदानों में बहुत कुछ संग्रहित कर के रखा है और जहाँ एक बार जाने के बाद आप बार बार जाना चाहेंगे।......
ईटानगर – ऑर्किड राजधानी में आदिवासी चटकीले रंगों का एहसास
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर हिमालय की तलहटी में स्थित है। यह पापुमपरे जिले के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में आता है और 20 अप्रैल 1974 से राजधानी के रूप में रहा है। यह भारत के......
अलोंग - खूबसूरत घाटियों का शहर
पश्चिमी सियांग जिले के पहाड़ों के बीच स्थित अलोंग एक खूबसूरत सा कस्बा है, जो छोट-छोटे गांवों से मिलकर बना है। यह कस्बा असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास सियांग नदी की दो......