महाराणा प्रताप सागर बांध, प्रागपुर में बहने वाली व्यास नदी के तट पर बना हुआ है। जो 450 मीटर की ऊंचाई वाला है। यह बांध 45,000 हेक्टेयर के एक आर्द्रभूमि क्षेत्र में फैला है। इसे रामसर कन्वेंशन द्वारा भारत में अंतरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि की 25 साइटों में से एक घोषित किया गया है। इस बांध का नाम प्रसिद्ध भारतीय योद्धा, महाराणा प्रताप के नाम पर रखा गया है।
बांध को वर्ष 1975 में स्थापित किया गया था। इस बांध को पांग बांध झील या पांग जलाशय के नाम से भी जाना जाता है जिसे बाद में 1975 में सेंचुरी घोषित कर दिया गया था क्योकि यहां कई प्रकार के पक्षी पाएं जाते थे। लगभग 220 प्रजातियां साइबेरिया और मध्य एशिया से सर्दियों के दिनों में इस स्थल के लिए पलायन करती हैं।
यहां पाएं जाने वाले पक्षियों में सुरखाब, क्रेन और पिनटेल्स प्रमुख प्रवासी पक्षी हैं। पक्षी के अलावा यहां कई प्रकार के जानवर भी पाएं जाते है। पर्यटक यहां आकर पोंग जलाशय में मछली भी पकड़ सकते हैं। इस सेंचुरी में सांभर, बार्किंग डीयर, जंगली सुअरों, और तेंदुए जैसे कई जानवर पाएं जाते हैं।