दक्षिणी तिरुपति के रूप में जाना जाने वाला श्री वल्लभ मंदिर, ना सिर्फ देवता के पक्के भक्तों को बल्कि दुनिया भर से पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। यहां न केवल बहुमूल्य धार्मिक भावना है, बल्कि यह पर्यटकों की आंखों को सुख पहुंचाने का काम करता है।
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चक्कुलतू कावु मंदिर तिरुवल्ला से पश्चिम की ओर 12 किमी की दूरी पर स्थित है और क्योंकि यह अत्यन्त सुरम्य दृश्य प्रदान करता है इसलिए भक्त और आगंतुक यहां समान रूप से आते हैं। यह पम्पा और मणिमाला नामक दो नदियों के बीच बसा हुआ है और पथानामथिट्टा और अलाप्पुझा दोनों...
देश भर के सीरियाई ईसाईयों के पूजा करने की एक प्रसिद्ध जगह पलियक्करा चर्च, हिंदुओं के श्री वल्लभ मंदिर के पास ही स्थित है। पलियक्करा चर्च का इतिहास 54 ईसवी का है जब सेंट थॉमस केरेल आए थे। इसकी वास्तुकला की विशिष्टता और मूर्तियों की सुंदरता होश उड़ा देने वाली है,...
कवियूर महादेव मंदिर केरल में सबसे पुराना शिव मंदिर है, जो तिरुवल्ला शहर से 6 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर अपनी अनोखी त्रिकोणिकी शैली की वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इसकी विशेषता यह है कि यह भवन त्रिकोण रूप से बना हुआ है और इसकी छत झुकी हुई है। 100 से अधिक...