ओनांक एक कन्नड़ शब्द है। प्राचीन जमाने में लोग अनाज को तोलने के लिए एक यंत्र का उपयोग करते थे, जो लम्बी लकड़ी की तरह होता था। इसे कन्नड़ में ओनांक कहते हैं। यह झरना अगुम्बे से 8 कि.मी दूर है। और आप यह ट्रैकिंग करते पहुँच सकते हैं। झरने के पास बनी सीडियों...
कुंचिकल भारत का सब से ऊँचा झरना है। इसके ऊँची लग-भग 1493 फीट मापी गई है। इस नदी में वराशी नदी मिलती है जो कर्नाटक के जल विदयुत परियोजना का प्रमुख स्रोत है। इस नदी के साथ बहने वाली अन्य कई नदियाँ मानसून के दौरान यहाँ के कई झरनों के संग मिल जाती है। इस लिए मानसून...
कोडलु तीर्था झरना, अगुम्बे के प्रसिद्ध झरनों में एक है। यह पश्चिम घाटों के मदय बसा है। यह 126 फीट ऊँचा है और सीता नदी का स्रोत है। यह मानना है कि कई साल पहले संतो द्वारा यहाँ घोर तपस्या की गई थी। आप यह ट्रैकिंग करते पहुँच सकते हैं।
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826 ऊँचा यह झरना भारत के सर्वाधिक झरनों में माना जाता है। यह 4 धाराओं में बहता है, राजा, रानी, रोकेट और रोरर। पौराणिक कथा के अनुसार इस झरने के पीछे एक गुफा है जहा कोई जोगी रोज तपस्या करता था। इस लिए इस झरने नाम जोगीगुंडी है। इसकी शुरुवात मालप्रभा...
इस झरने का नाम यहाँ पर पाये जाने वाले बिना सिंगों वाले हिरन पर रखा गया है। जिसे यहाँ के लोग "बरक" कहते है। यह अगुम्बे से ७ कि.मी दूर है और इसके ऊंचाई 850 फीट है। इसका स्रोत सीता नदी से होता है। पर्यटक किसी भी वाहन के द्वारा या ट्रैकिंग करते यह तक...