दरासुरम अपने ऐरावतेश्वर मंदिर के लिए जाना जाता है जो इस शहर में स्थित है। दरासुरम, थंजावूर में कुंभकोणम के नज़दीक है जो धार्मिक महत्व वाला एक अन्य शहर है। दरासुरम, तमिलनाडू की राजधानी चेन्नई से 380 किमी दूर स्थित है। दरासुरम को पहले राजराजापुरम के नाम से जाना जाता था। साल 2001 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 15000 है।
मंदिर वास्तुकला का खज़ाना - दरासुरम और इसके आसपास के पर्यटन स्थल
दरासुरम का मुख्य आकर्षण ऐरावतेश्वर मंदिर है। इसे चोल वंश के राजा, राजराजा चोल । (द्वितीय) ने बनवाया था। इस मंदिर का निर्माण बारहवीं शताब्दी में हुआ था और आज भी यह तमिल मंदिर वास्तुकला के सुनहरे दिनों की याद दिलाता है। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्मारक के रूप में मान्यता दी गई है। ऐरावतेश्वर मंदिर तंजौर से 35 किमी दूर है और तंजौर से यहाँ आसानी से पहुंचा जा सकता है। तंजौर और दरासुरम की मंदिर वास्तुकला एक जैसी ही है, इसका कारण यह है कि दोनों स्थानों में मंदिरों का निर्माण चोल राजाओं द्वारा करवाया गया था।
दरासुरम का मौसम
दरासुरम की जलवायु उष्णकटिबंधीय प्रकार की है इसलिए यहाँ अच्छी खासी धूप होती है। इसके परिणामस्वरूप तापमान आम तौर पर असहनीय होता है। साल के अधिकतर समय, खासकर गर्मियों में, मौसम काफ़ी गर्म और आद्र(नम) होता है। इसलिए दरासुरम आने वाले पर्यटकों को सूती कपडे साथ रखने की सलाह दी जाती है।
दरासुरम कैसे पहुंचे
कुंभकोणम से बस या रेल द्वारा आसानी से दरासुरम पहुंचा जा सकता है। दरासुरम में रेलवे स्टेशन है जहाँ तंजौर और कुंभकोणम से नियमित रूप से रेलगाड़ियाँ आती हैं।