नीलांबुर शहर से 4कि.मी. दूर स्थित सौगान संग्रहालय, एक दोमंजि़ला इमारत है जिसमें सौगान वृक्षों के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध है। केरल वन अनुसंधान संस्थान परिसर में 1995 में निर्मित यह संग्रहालय, भारत में अपनी तरह का एकमात्र संग्रहालय है।
आश्चर्यजनक जानकारी उपलब्ध होने के कारण यह संग्रहालय हज़ारों पर्यटक और प्रकृति प्रमियों को आकर्षित करता है। संग्रहालय के प्रवेशद्वार पर प्रदर्षित एक प्राचीन सागौन वृक्ष की जटिल जड़ प्रणाली का शानदार दृश्य किसी भी यात्री को देखे बिना नहीं रहना चाहिए। सौगान संग्रहालय में संरक्षित उल्लेखनीय संग्रह में कन्नीमारा सागौन की ट्रांसलाईट, कोन्नोल्ली के प्लॉट से बहुत बड़ा सागौन वृक्ष, उरु नामक प्राचीन समुद्री पोत का लकड़ी से बना मॉडल तथा विभिन्न आकारो में सागौन के खंभें सम्मिलित हैं।
एक अत्यधिक प्राचीन सागौन वृक्ष(480 वर्शों से अधिक) का अवशेष संग्रहालय के अंदर बहुत शानदार तरीके से लगाया गया है। इस संग्रहालय के अन्य आकर्षण भी है, जैसे-तितलियों और पतंगों का संग्रह, पेड़ों की कटाई को दर्शाती पेंटिंग, खेती में उपयोग होने वाले पारंपरिक औजार और तस्वीरें। यह संग्रहालय यात्रियों के लिए सोमवार के अलावा प्रत्येक दिन सुबह 10बजे से शाम 4.30 बजे तक खुला रहता है।