गुंडीमल्लम में स्थित परशुरामेश्वर मंदिर तिरुपति से 20 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का महत्व इसलिए है क्योंकि यहाँ मंदिर के गर्भगृह में एक लिंगम है। ऐसा माना जाता है कि यह पहला खोजा गया लिंग है। ऐसा माना जाता है कि यह ईसा पूर्व 1 ली या 2 री शताब्दी से यहाँ...
श्री वेंकटेश्वर प्राणी उद्यान की स्थापना 29 सितंबर 1987 को हुई। 5,532 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ यह पार्क हाथी, मोर, हिरन, तोते, तेंदुए और जंगली सूअर का घर है। हरे घास के मैदान आकर्षण का केंद्र हैं तथा यह मोर, शाकाहारी और छोटे मांसाहारी जानवरों का घर है।
अवनाक्षम्मा मंदिर तिरुपति से 42 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहाँ प्रतिवर्ष सैंकड़ों की संख्या में भक्त आते है। यहाँ ब्रह्मोत्सवं और नवरात्रि का त्योहार बहुत उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह मंदिर श्री कल्याण वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर से जुड़े हुए पांच मंदिरों...
तिरुमाला तिरुपति के पास स्थित एक हिल स्टेशन है। यहाँ प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर स्थित है। ये पहाड़ियां समुद्र सतह से 3200 फुट की ऊंचाई पर स्थित हैं तथा इसकी सात चोटियाँ हैं। ये सात चोटियाँ आदिशेष को प्रदर्शित करती हैं तथा इन्हें नारायणाद्री, नीलाद्री, सेशाद्री,...
श्रीनिवासा मंगापुरम तिरुपति के दक्षिण में 12 किमी. की दूरी पर स्थित है। ऐसा विश्वास है कि देवी पद्मावती से विवाह के पश्चात तिरुमाला जाने से पहले भगवान वेंकेटश्वर यहाँ कुछ समय के लिए रुके थे। यहाँ साक्षात्कार वैभवम और ब्रह्मोत्सवं उत्सव धूमधाम से मनाए जाते हैं।
हनुमान मंदिर तिरुपति के पास स्थित है तथा गोगर्भम बांध से 3 किमी. की दूरी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम, सीता और लक्ष्मण तथा हनुमान के साथ यहाँ रुके थे। इस स्थान को जपाली भी कहा जाता है क्योंकि भगवान हनुमान ने यहां तपस्या की थी।
मंदिर के परिसर...
श्री गोविंदराजा मंदिर तिरुपति के महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। यह वैष्णव समुदाय की पारंपरिक वास्तु विधि से बनाया गया है। कहा जाता है कि वैष्णव संत रामानुज ने 1235 में इस मंदिर के नींव के पत्थर की स्थापना की थी। गोपुरम के अलावा दो अन्य प्रमुख मंदिर हैं जिनकी...
अप्पलयागुंटा में स्थित श्री प्रसन्न वेंकटेश्वर मंदिर तिरुपति से 4 किमी. की दूरी पर स्थित है।ऐसा माना जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर तिरुमाला की यात्रा के दौरान यहाँ आराम करने के लिए रुकते हैं। श्री पद्मावती अम्मवारू से अपने विवाह के पश्चात भगवान वेंकटेश्वर ने श्री...
श्री वेंकटेश्वर मंदिर प्राचीन और प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक है। यह वेंकट तिरुमाला पहाड़ी की 7 वीं चोटी पर स्थित है। श्री स्वामी पुष्करिणी नदी के दक्षिण में स्थित इस मंदिर का निर्माण पारंपरिक द्रविड़ियन वास्तुशैली में किया गया है। मंदिर का कुल क्षेत्रफल 2.2 एकड़...
तिरुपति तथा तिरुमाला में कपिला तीर्थम ही केवल ऐसा स्थान है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह एक बड़ा मंदिर है जो तिरुमाला की पहाड़ियों की तलहटी में गुफा के प्रवेश द्वार पर स्थित है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान शिव के बैल “नंदी” की मूर्ति है।
ऐसा...
श्री वेणुगोपालस्वामी मंदिर कर्वेतीनगरम में तिरुपति से लगभग 48 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 14 वीं शताब्दी में हुआ तथा ऐसा विश्वास है कि संत श्री रामानुजाचार्य द्वारा इसे पवित्र किया गया था। इस मंदिर के मुख्य देवता श्री वेणुगोपाल स्वामी है।...
कोदंडा राम स्वामी मंदिर का निर्माण 10 वीं शताब्दी में चोल राजाओं द्वारा किया गया। भगवान राम को समर्पित इस मंदिर में भगवान राम के साथ सीता और लक्ष्मण की भी मूर्तियाँ हैं। किवदंती है कि लंका से लौटते समय भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ इस मंदिर में रुके थे।
...अलामेलु मंगम्मा मंदिर अलामेलुमंगापुरम में स्थित है। इसे त्रिरुचानूर भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवान की पत्नी अलामेलु मंगम्मा या श्री पद्मावती देवी को समर्पित है। ऐसा विश्वास है कि देवी का जन्म पुष्करिणी नामक कुंड में हुआ था। यह मंदिर रास्ते द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा...
तिरुपति का इस्कॉन भगवान कृष्ण मंदिर तिरुमाला की पहाड़ियों के रास्ते में स्थित है। इसकी वास्तु शैली अद्वितीय है जिसकी मीनारें सफ़ेद हैं और सोने से बनाई गई हैं। दीवारों पर भगवान नरसिंह स्वामी, भगवान कृष्ण, कृष्ण लीला और भगवान वराह स्वामी की शानदार नक्काशी की गई...