चामुंडेश्वरी मंदिर गुरुवायुरप्पन मंदिर के आसपास के क्षेत्र में स्थित है। श्री चामुंडेश्वरी इस मंदिर की देवी है जो की माँ दुर्गा का दूसरा रूप है। इस मंदिर के परिसर में, तीर्थस्थल है भगवती थाज्ह्ठुकवु का। इस मंदिर के देवता को एक पत्थर की पटिया के रूप में रखा गया है।...
पलायुर चर्च, गुरूवायूर में पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है। इस चर्च को सेंट थॉमस ने बनवाया, जो यीशु मसीह के धर्मदूत थे। धर्मदूत द्वारा निर्मित सात विख्यात चर्च, में से एक यह चर्च है। इस चर्च की सुंदरता इसकी वास्तुकला सौंदर्य में है जो सेंट थॉमस के जीवन और काम दर्शाता...
हाथी का शिविर जिसको पुन्नाथुर कोट्टा भी कहते हैं यह गुरुवायुरप्पन मंदिर से 3 किमी की दूरी स्थित है। यह हाथी का शिविर भारत में अपनी तरह का सबसे बड़ा है और यह पुन्नाथुर के राजाओं का हुआ करता था। अभयारण्य 10 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है जो लगभग 60 हाथियों को आश्रय...
पार्थसारथी मंदिर, गुरूवायूर में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहाँ पार्थसारथी देवता रहते हैं, जो भगवान कृष्ण का दूसरा रूप है, जब वह अर्जुन के दोस्त और गाइड बन गए थे कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान।
ऐसा मन जाता है की इस मंदिर में मूर्ति आदि शंकराचार्य द्वारा...
इंस्टिट्यूट ऑफ म्यूरल पेंटिंग, गुरूवायूर के सभी मंदिरों घुमने के बाद जाने के लिए एक अद्भुत जगह है। इसको वर्ष 1989 में श्री माम्मियूर क्रिश्नंकुत्टी, जो भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्द थे, द्वारा स्थापित किया गया था। यह संस्थान गुरूवायूर देवास्वोम द्वारा संचालित...
गुरुवायुरप्पन मंदिर भारत में चौथा सबसे बड़ा मंदिर है जहाँ हजारों श्रद्धालु हर दिन आते हैं। मंदिर को "भूलोक वैकुनतम" भी कहा जाता है और इस मंदिर में बहुत शुभ माना जाता है। इस मंदिर के रहने वाले हैं भगवान बाल गोपालन, जो भगवान कृष्ण का बाल का वर्णन है। मंदिर को...
चोवाल्लूर शिव मंदिर, शिव के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह माना जाता है की यह भी एक शिवालय है। अभी 108 शिवालय हैं, शिवालय का अर्थ है 'भगवान शिव के पवित्र धाम'। गुरूवायूर के पास स्थित यह मंदिर, एक उत्तम स्थान है। हालांकि यह मंदिर शिव को समर्पित है, पर आप...
वेंकताचालाप्ति मंदिर, गुरूवायूर शहर में प्रसिद्ध पार्थसारथी मंदिर के पास स्थित है। मंदिर प्रभु वेंकताचालाप्ति को समर्पित है। भगवान वेंकताचालाप्ति, भगवान विष्णु का एक और अवतार है। हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में हर साल आते हैं, और यह माना जाता है की जो भी यहाँ आता है...
हरिकन्याका मंदिर आरियनॊर में स्थित है। आरियनॊर, गुरूवायूर के पवित्र शहर के पास छोटे से गांव है। माना जाता है की इस पुराने मंदिर को पेरुम्थाचन ने बनवाया था, जो प्राचीन पौराणिक बढ़ई थे।
हरिकन्याका मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। हरिकन्याका 'भगवान विष्णु...
माम्मियुर महादेव मंदिर, सम्मानित गुरुवायुरप्पन मंदिर के पास स्थित है। जैसा कि नाम से प्रतीत होता हैं, यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर भित्ति चित्रों के साथ सजाया गया है। इन चित्रों में आप मोहिनी, जो की भगवान विष्णु का एक महिला अवतार है उसकी छवियों...
देवास्वोम संग्रहालय, गुरुवायुरप्पन मंदिर के पूर्वी गेट की ओर स्थित है। यह कई महत्वपूर्ण कलाकृतियों का भंडार है जैसे संगीत वाद्ययंत्र, प्राचीन वस्तुएँ, भित्ति चित्रों कला और संस्कृति से संबंधित कई अन्य महत्वपूर्ण सामग्री, मंदिर सामग्री। संग्रहालय में गुरुवायुरप्पन...