कालाडी पेरियार नदी के निकट स्थित एक गांव है। भौगोलिक दृष्टि से यह गांव केरल के एर्नाकुलम में स्थित है। यह आदिशंकर का जन्मस्थान है। यह भारत भर के तीर्थयात्रियों, विशेष रूप से आदिशंकर के अनुयायियों के लिए एक बहुत लोकप्रिय गंतव्य है। एक मंदिर वर्ष 1910 में आदिशंकर के लिए बनाया गया था। कालाडी का मतलब है पदचिह्न, प्राचीन काल में गांव सासालाम के रूप में जाना जाता था। वर्ष 2010 में कालाडी के सौ साल को धूम-धाम से मनाया गया और इसे मीडिया ने व्यापक रूप से कवर भी किया था।
एक दिलचस्प कथा
यह शहर आदि शंकर और उनकी माँ के बारे में कहानियों की महान शुरुआत है। पेरियार नदी पहले 'पूर्ण' नदी के रूप में जानी जाती थी। यह कहा जाता है कि नदी वहां से बहुत दूर थी जहां शंकर और उनकी माँ रहते थे। एक दिन माँ जब दैनिक स्नान के लिए जा रही थीं तो रास्ते पर बेहोश हो गईं। असहाय शंकर ने भगवान कृष्ण से प्रार्थना की और उन्होंने उसकी प्रार्थना सुन ली और उसे आशीर्वाद दिया। भगवान कृष्ण ने कहा कि जहां उसने अपने छोटे पैरों की छाप छोड़ दी है, वहां एक नदी का प्रवाह होगा। आशीर्वाद के परिणाम स्वरूप शंकर के छोटे उद्यान के निकट से नदी बहने लगी।
तब शंकर ने कृष्ण के लिए एक छोटा सा मंदिर बनवाया और प्रसिद्ध अच्युता अष्टाकम सुनाई। इस जगह के मुख्य आकर्षण उनकी स्मृति में बने मंदिर और आश्रम जैसे रामकृष्ण आश्रम, कल्लिल देवी मंदिर, श्रिंगेरी मठ परिसर, महादेव मंदिर, वनमूर्ती मंदिर, कुज़ुप्पिल्ल्क्कवे जलदुर्गा मंदिर हैं।
कालाडी जाने के लिए सबसे उपयुक्त समय
यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम अगस्त से मार्च है जब तापमान ठंडा होता है। कालाडी दक्षिण भारत के सभी प्रमुख शहरों से हवाई, सड़क और रेल मार्गों द्वारा जुड़ा हुआ है।