कोटखाई एक छोटा सा शहर है, जो हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्तित है। जगह का यह नाम एक खाई पर स्थित राजा के महल से पड़ा। 'कोट' का शाब्दिक अर्थ है महल और 'खाई' का खाई। जगह का शांतिपूर्ण वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य दूर-दराज के क्षेत्रों से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
यह जगह 23,000 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैले अपने सेब के बगीचों के लिए जाना जाता है। यात्री मालिकों से पूर्व अनुमति प्राप्त करके इन बगीचों की यात्रा कर सकते हैं। बागवानी गतिविधियाँ कोटखाई के क्षेत्र में प्रमुख हैं। गिरी नदी शहर के निकट बहती है, जो मिट्टी की उर्वरता का कारण है।
राजा राणा साहब द्वारा बनाया कोटखाई पैलेस कोटखाई का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। पगोडा शैली की छत के साथ महल तिब्बती वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है। कोटखाई क्षेत्र में कई मंदिर हैं, जिनमें से, महामाई मंदिर और लंक्रा के वीर मंदिर प्रमुख हैं। मंदिरों के अलावा यात्री नेरा घाटी, किआला वन और ढिल्लन तालाब जैसे अन्य स्थानों की यात्रा भी कर सकते हैं।
यात्री सड़क, रेल, और वायु के द्वारा कोटखाई तक आसानी से पहुँच सकते हैं। शिमला हवाई अड्डा कोटखाई के पास है, जो कुल्लू और नई दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। नई दिल्ली हवाई अड्डे से, अंतरराष्ट्रीय यात्री शिमला को सीधे जोड़ने वाली उड़ानों का लाभ ले सकते हैं।
शिमला का रेलवे स्टेशन कोटखाई के लिये निकटतम रेलवे स्टेशन, जो कालका रेलवे स्टेशन से जुड़ा है। यात्री आसानी से रेलवे स्टेशन के बाहर से कोटखाई के लिये टैक्सियों और कारों का लाभ ले सकते हैं। सड़क मार्ग से यात्रा में रुचि रखने वाले यात्री पास के शहरों से बसों, टैक्सियों और कैब का लाभ ले सकते हैं।
कोटखाई की जलवायु साल भर सुखद रहती है। अप्रैल का महीना में इस क्षेत्र में गर्मी के मौसम की शुरूआत होती है, जो जून के महीने तक रहती है। गर्मियों के दौरान क्षेत्र में न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमशः 15 डिग्री सेल्सियस और 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है। सर्दियों का मौसम नवंबर और फरवरी के महीने के बीच रहता है। इस समय के दौरान, जगह का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस और 4 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।