यल्लापुर - पहाड़ों और झरनों का गाँव
उत्तर कर्नाटक के पश्चिम घाटों में स्थित यल्लापुर, अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है। 1774 फीट ऊंचाई पर स्थित यह शहर पर्यटकों को अपने ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों और झरनों को......
श्रृंगेरी — धार्मिक लोगों के लिए एक नगरी
पूज्य हिंदू संत आदि शंकराचार्य ने शांत तुंगा नदी के तट पर स्थित इस श्रृंगेरी में अपना पहला मठ बनाया था। तब से श्रृंगेरी हजारों तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य हो गई......
उडुपी पर्यटन - चाँद और सितारों की भूमि
कर्नाटक में उडुपी, कृष्ण मंदिर और अपने भोजन के लिए प्रसिद्ध है। इसका नाम माधव समुदाय के एक साधारण स्वादिष्ट व्यंजन से मिलता, जो भगवान को चढ़ाने के लिये पकाया जाता......
हैलेबिड पर्यटन - राजस्व, गौरव और खंडहर की भूमि
वास्तव में हैलेबिडु का अर्थ है "ओल्ड सिटी", ये कभी होयसाला राज्य की गौरवान्वित शाही राजधानी था। पुराने दिनों के दौरान, यह "द्वारसमुद्र" के रूप में जाना जाता था, जिसका अर्थ है......
कारवार पर्यटन - कोंकण तट की रानी
कारवार, भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर, गोवा जिले से सिर्फ 15 किमी. की दूरी पर स्थित है और यह कर्नाटक की राजधानी बंगलौर से 520 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह उत्तर......
करकला - बाहुबली की भूमि
कर्नाटक के उडुपी जिले में छोटे से शहर करकला का ऐतिहासिक के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी है।सभी के लिए एक विरासत स्थल - क्या है करकला के आसपासकरकला का इतिहास 10 वीं सदी का है जब यहां......
सोंडा पर्यटन- कई मठों की भूमि
सोंडा या सोडे मंदिरों का एक शहर है और यह वदिराजा मठ का स्थान है। यह करर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में और ज्यादा मंदिरों के लिये प्रसिद्ध सिरसी के पास है।......
मरावन्थे – अनछुये समुद्र तट की पैदल यात्रा
मरावन्थे शहर एक सुंदर समुद्र तटों का घर है, और यह शहर कर्नाटक के दक्षिण केनरा जिले में स्थित है। शहर के दाहिनी ओर अरब सागर जबकि बाईं तरफ सौपरनिका नदी बहती है। यह समुद्र तट,......
हासन पर्यटन – होयसाल राजाओं की विरासत का शहर
चन्ना कृष्णप्पा नाइक द्वारा 11वीं शताब्दी में स्थापित हासन शहर कर्नाटक के हासन जिले का मुख्यालय है। स्थानीय देवी हासनअम्बा के नाम पर नामित यह जिला कर्नाटक की स्थापत्य कला की......
सिरसी- एक निपुण सैरगाह
हरे भरे जंगल, गगनचुम्बी झरना और अनूठे पुराने मंदिर, उत्तर कर्णाटक के सिरसी को एक प्रचलित घूमने का स्थान बनाते हैं। ये शहर जो पश्चिमी घाट के हृदय में बसा है, बंगलुरु शहर से 407......
सकलेशपुर - कम जाना जाने वाला पर्यटन स्थल
सकलेशपुर, पश्चिमी घाटों में बसा एक छोटा सा सुंदर हिल स्टेशन है जो ताज़गी प्रदान करता है। यह शहर 949 मीटर की ऊँचाई पर है और बंगलोर-मैसूर राजमार्ग के पास होने के कारण यहाँ आसानी......
कोल्लूर पर्यटन - देवी मूकाम्बिका की दिव्य भुजाओं में
कोल्लूर कर्नाटक के कुंदापुर तालुक में एक छोटा सा गाँव है तथा देश भर के यात्रियों के लिए एक विशेष स्थान है। नित्य बहने वाली सोपर्णिका नदी के तट पर तथा पश्चिमी घाटों के सामने......
कोदाचादरी - प्रकृति और रोमांच के प्रेमियों के लिए
समुद्र तल से 1343 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कोदाचादरी में भारत का सबसे मशहूर मंदिर, कोल्लूर मूकाम्बिका मंदिर है। कोदाचादरी पहाड़ की चोटी घने जंगलों के बीच से निकलती है और यह जगह......
केम्मनगुंडी पर्यटन - एक शाही रिज़ॉर्ट
कर्नाटक के चिकमंग्लूर जिले में तरिकेरे तालुक में स्थित केम्मनगुंडी हिल स्टेशन बाबा बुदन गिरि पहाड़ियों से घिरा है। ऊँचे पहाड़ों, गिरत झरनों, घने जंगलों और हरेभरे घास के मैदान के......
गोकर्ण पर्यटन - मंदिरों और सफेद रेत का शहर
गोकर्ण एक तीर्थ स्थल है जो कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित है और यह स्थान पर्यटकों के बीच एक सुंदर तट है। यह स्थान, दो नदियों अग्निशिनि और......
कुक्के सुब्रमण्य - जहाँ नाग देवता निवास करते हैं
कुक्के सुब्रमण्य मंदिर सुलिया में मैंगलौर के पास, कर्नाटक में स्थित है। यह मंदिर अद्वितीय है क्यों कि भगवान सुब्रामय यहाँ साँपों के स्वामी के रूप में पूजे जाते हैं। यह मंदिर एक......
कुम्ता पर्यटन - एक छोटा सा संपन्न तटीय शहर
उत्तर कन्नड़ में कुम्ता की एक यात्रा, तेजस्वी दृश्य, प्रभावशाली स्मारकें और एक समृद्ध संस्कृति एक यादगार अनुभव हो सकता है।कुम्ता में और आसपास के पर्यटन स्थल - कर्नाटक समुद्र तट......
कुद्रेमुख - एक अलग किस्म का पर्यटन स्थल
कुद्रेमुख कर्नाटक के चिकमगलूर जिले में एक पहाड़ी परिसर है और यह पश्चिमी घाट का एक हिस्सा है। कुद्रेमुख का क्षेत्र एक लोकप्रिय हिल स्टेशन भी है। अपनी उठती-गिरती घास भूमि और घने......
होरानाडू - जिसे मिला है प्रकृति से वरदान
होरानाडू की प्रसिद्धि का मुख्य कारण यहाँ का अद्भुत देवी अन्नापूर्नेश्वरी मंदिर है। जो लोग प्रकृति की असली महिमा देखना चाहते हैं, होरानाडू पहुंचकर वह अपनी इन्द्रियों को तृप्त कर......
मैंगलोर पर्यटन - कर्नाटक का प्रवेश द्वार
अक्सर कहा जाता है कि मैंगलोर कर्नाटक का प्रवेश द्वार है। खूबसूरत मैंगलोर शहर अरब सागर के नीले पानी और पश्चिमी घाट के हरे, विशाल पहाड़ों के बीच बसा हुआ है। इस शहर का नाम भगवान......
भद्रा पर्यटन – हरियाली में एक स्वर्ग
भद्रा एक ऐसा क्षेत्र है जो मुख्य रुप से भद्रा वन्यजीव अभयारण्य के लिए प्रसिद्ध है, और यह कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में स्थित है। पश्चिमी घाटों में स्थित, यह वन्यजीव अभयारण्य हाल......
बेलूर पर्यटन - होयसाल का प्राचीन शहर
बेलूर, कर्नाटक के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। यह हसन जिले में स्थित है, इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है जो बंगलौर से 220 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह शहर यागची......
मालपे
मालपे – जहां है सूर्य, लहरें और रेत मालपे समुद्र तटों का एक शहर है जो मंदिरों के शहर उडुपी से सिर्फ छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक प्राकृतिक बंदरगाह और कर्नाटक समुद्र तट......
होनेमरडु पर्यटन - साहसिक दिल वाले लोगों के लिये
साहसिक कार्यों को पसंद करने वाले लोग और पानी के खेलों में मजे करने वाले लोगों के लिए होनेमरडु एक अद्भुत पलायन है। छोटा सा गांव होनेमरडु जलाशय के करीब एक पहाड़ी की ढलान पर......
जोग फाल्स - राजसी प्रकृति में सर्वश्रेष्ठ जोग फॉल्स शायद प्रकृति की महिमा का सबसे शानदार उदाहरण है।वह शरावती नदी से उत्पन्न होता है और चार अलग धाराओं को मिलाकर बनता है और इन्हें राजा,रानी,रोवर और रॉकेट कहते हैं।
जोग के क्रिस्टलपानी का जलप्रपातचट्टानों या अन्य प्रकार के ऋण भार से मुक्त 830 फुट की ऊंचाई के नीचे सीधे व्यापक इस शानदार चादर से झरने की दृष्टि से हजारों आगंतुकों का मन मोह गया......
भटकल - इतिहास के पन्नों में डूबा शहर
भटकल उत्तर कर्नाटक के कारवार से 130 कि. मी दूर है। भटकल शहर और इसके बंदरगा दोनों ही बहुत प्राचीन है। भटकल का गौरवशाली इतिहास और उसके सुंदर समुद्री तट इसके आकर्षण का केंद्र है।......
चिकमंगलूर पर्यटन- अशांतों के लिए एक बेहतर ठहरने योग्य गंतव्य
चिकमंगलूर टाउन कर्नाटक प्रांत में इसी नाम के जिले में स्थित है। यह क्षेत्र बड़ा लोकप्रिय है क्योंकि यहां कई एक पर्यटन स्थल हैं। चिकमंगलूर पर्वतीय व दलदली भूमि मलनाड के समीप......
सिद्धपुर - बागानों का शहर
सिद्धपुर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह शहर उत्तर कन्नड़ जिले के पश्चिमी घाट बीचों-बीच में स्थित है। 1,850 फीट की ऊॅचाई पर स्थित होने के कारण सिद्धपुर......
याना- जहाँ भगवान शिव ने शरण ली
याना में पत्थरों की अनोखी रचना पर्यटकों, प्रकृति प्रेमियों और ट्रेकर को अपनी ओर आकर्षित करती है। पत्थर इस छोटे से गाँव की विशिष्टता है जो वेस्टर्न घाट्स के सहय्धारी पर्वतमाला पर......
दांदेली पर्यटन – हरे-भरे घने जंगल प्रेमियों के लिये स्वर्ग
दांदेली कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित एक छोटा सा कस्बा है। पश्चिमी घाट के घने पतझड़ जंगलों सो घिरा दांदेली दक्षिण भारत के साहसिक क्रीड़ा स्थल के रूप में जाना जाता है।यह......
अगुम्बे - किंग कोबरा का घर
अगुम्बे शिमोगा जिले के तीर्थहल्ली तालुक में है। कन्नड़ के महान कवी कुवेम्पु इसी स्थान से है। इसे मलनाड प्रदेश भी कहा जाता है। यह प्रसेश अपनी हरियाली और झरनों के लिए प्रसिद्ध है।......
कूर्ग पर्यटन - पहाडि़यों और पेड़ों की नगरी
कुर्ग या कोडागु, कर्नाटक के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। कूर्ग, कर्नाटक के दक्षिण पश्चिम भाग में पश्चिमी घाट के पास एक पहाड़ पर स्थित जिला है जो समुद्र स्तर से......