देश के पूर्वी छोर पर स्थित असम अपनी खूबसूरती और पर्यटन के लिए जाना जाता है। यहां की संस्कृति और सभ्यता दोनों ही पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है। असम की शानदार पहाड़ियां, वनस्पतियों और जीवों से भरपूर वन्यजीव अभयारण्य इसकी सुंदरता को और बढ़ा देते हैं। ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर गुवाहाटी यहां की राजधानी है, जो देश के उन शहरों की गिनती में आती है, जो इस समय तेजी से विकास कर रहे हैं।
लेकिन बीते कुछ दिनों से असम की हालत बद से बदतर हो गई है। करीब दो महीने पहले आए इस बाढ़ ने राज्य में खूब तबाही मचाई। करीब 11 जिलों में आए इस विनाशकारी आपदा से लाखों लोगों पर असर पड़ा। करीब 200 के आसपास लोगों की मौत भी हो गई। यहां के लगभग 600 गांवों में अभी तक बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इससे बचने के लिए अधिकारियों की ओर से 10 जिलों में मिलाकर कुल 170 के करीब शिविर भी लगाया गया है, जिसमें करीब 75,000 लोगों ने शरण ली है। इसके अलावा करीब डेढ लाख जानवरों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है।
Bringing Assam back on Track!
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) July 9, 2022
Combating daunting challenges, Railways restored the connectivity in flood ravaged Badarpur-Phiding section of Assam in mission mode to ensure seamless access to the region. pic.twitter.com/zcbJ6UFCTM
बाढ़ प्रभावित बदरपुर-फिडिंग सेक्शन में संपर्क बहाल
वहींं, अब धीरे-धीरे असम का पर्यटन भी पटरी पर आ रहा है। रेलवे कर्मचारियों की ओर से कड़ी मशक्कत करते हुए बाढ़ से प्रभावित हुए बदरपुर-फिडिंग सेक्शन में संपर्क बहाल कर दिया गया है। लंबे समयांतराल के बाद अब धीरे-धीरे असम की हालत में सुधार देखने को मिल रहा है।
असम बाढ़ से हुआ काफी नुकसान
इस बाढ़ के चलते असम को आर्थिक रूप से काफी चोट पहुंची है। किसानों की करीब 14,000 से ज्यादा हेक्टेयर की फसल काल के गाल में समा गई है। लोगों का जीवन-यापन अस्त-व्यस्त हो गया है। काफी लोगों के घर उजड़ गया है तो किसी के परिवार का सदस्य।