इन दिनों उत्तर प्रदेश के पर्यटन में एक के बाद एक उपलब्धि जुड़ती जा रही है। विश्वनाथ कॉरिडोर की बात कर ली जाए या फिर अयोध्या के राम मंदिर कॉरिडोर की.. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से लेकर बुंदेलखंड एक्सप्रेस तक सब कुछ। ऐसे में अब बात सामने आई है, गोरखपुर के कुसम्ही जंगल की, जहां इको टूरिज्म सेंटर बनने वाला है।
सूत्रों की मानें तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर वन प्रभाग के कुसम्ही जंगल में इको टूरिज्म का सेंटर बनाए जाने की प्रस्तावित योजना का पीपीटी प्रजेन्टेशन भी देख लिया है। इसके बाद सीएम योगी ने अधिकारियों की प्रशंसा भी की थी और कहा था कि इससे यूपी के पर्यटन को काफी हद तक बढ़ावा मिलेगा।
जल्द ही शुरू हो सकता है काम
दरअसल, प्रदेश सरकार की ओर से पिछले दिनों कैबिनेट में 'उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म बोर्ड' के गठन को मंजूरी दे दी गई है। तो ऐसे में संभावित है कि ऐसे प्रस्तावों पर गंभीरता पूर्वक विचार इन्हें अमल में लाया जाएगा। गोरखपुर वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी विकास यादव ने बुधवार को गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी से मुलाकात कर कुसम्ही जंगल के तिनकोनिया रेंज में प्रस्तावित इको टूरिज्म सेंटर निर्माण का प्रस्ताव दिखाया।
पर्यटकों को मिलेगी कई सुविधाएं
यहां आने वाले पर्यटकों को ट्री हाउस, सोलर लाइट, किचन और पेयजल की व्यवस्था कराई जाएगी। इसके साथ ही बर्ड वॉचिंग के लिए माता चौरा मंदिर और बुढ़िया माता मंदिर के पास वॉच टॉवर बनाए जाएंगे। पर्यटकों के मनोरंजन का खास ख्याल रखते हुए यहां पर एडवेंटर स्पोर्ट्स की सुविधा की मुहैया कराई जाएगी।
कैम्पिंग से लेकर नेचर ट्रेल तक की सुविधा
इस ईको टूरिज्म सेंटर के अंतर्गत विनोद वन और उसके आसपास के क्षेत्रों में नेचर कैम्पिंग, बर्ड वॉचिंग एवं वॉच टॉवर, एडवेंचर एक्टिविटी, आरोग्य इको टूरिज्म सेंटर, नेचर इंटरपटेशन सेंटर, नेचर ट्रेल और सफारी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे गोरखपुर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
योगाभ्यास व सफारी की भी सुविधा
इस ईको टूरिज्म सेंटर में पर्यटकों को योगाभ्यास की भी सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही यहां के दो रूटों पर नेचर ट्रेल की भी सुविधा दी जाएगी। जहां साइकिल या पैदल ट्रेल करके आप जंगल की सैर कर सकते हैं, ये रास्ता 3 किमी. और 6 किमी. का होगा। इसके अलावा यहां पर हाथी, घोड़ा, ऊंट या फिर खुली जीप से आप सफारी का भी आनंद ले सकते हैं।