भारत को नए आयाम देने के लिए इन केंद्र सरकार व राज्य सरकार की मिलीभगत से काफी नए काम किए जा रहे हैं। ऐसे में ही शुक्रवार को बैंगलोर के जनक कहे जाने वाले नादप्रभु केम्पेगौड़ा के योगदान को याद करते हुए उनकी स्मृति में 108 ऊंची मूर्ति का अनावरण किया गया। इस मूर्ति का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।
मूर्ति के हाथ में 4000 किलो वजनी तलवार
बताया जा रहा है कि इस मूर्ति को भी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी डिजाइन करने वाले राम सुथार ने ही डिजाइन की है। इसे बनाने में 98 टन कांस्य और 120 टन स्टील का उपयोग किया गया है। इस मूर्ति को और भी भव्य बनाने के लिए इसके हाथ में एक बड़ी सी तलवार पकड़ाई गई है, जो लगभग 35 फीट लम्बी है और इसका वजन 4000 किलो है। इसे दिल्ली से बैंगलोर एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रक बनवाया गया था।
23 एकड़ में फैला है हेरिटेज पार्क
नादप्रभु केम्पेगौड़ा विजयनगर साम्राज्य के शासक थे, जिनका शासनकाल 14वीं शाताब्दी से लेकर 17वीं शाताब्दी तक शासन रहा। इस दौरान इस वंश के द्वारा कई ऐतिहासिक मंदिरों का निर्माण भी कराया। बैंगलोर का निर्माण भी नादप्रभु केम्पेगौड़ा ने ही किया था। इसे देखते हुए बैंगलोर एयरपोर्ट परिसर में करीब 23 एकड़ में हेरिटेज पार्क का निर्माण कराया गया है, जिसमें केम्पेगौड़ा की मूर्ति भी लगाई गई है। इस प्रोजेक्ट की नींव कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने जून 2020 में केम्पेगौड़ा की 511वीं जयंती के मौके पर रखी गई थी।
85 करोड़ रुपये की लागत से बनी है मूर्ति
सूत्रों की मानें तो इस मूर्ति को बनाने में अनुमानित कीमत करीब 85 करोड़ रुपये के आसपास की है। इस मूर्ति का मुख्य मकसद उनके जीवन और उनकी उपलब्धियों को दुनिया तक पहुंचाना है। ऐतिहासिक रूप से भी यह मूर्ति बैंगलोर की पहचान बनने वाली है। वैसे यह मूर्ति दिखने में बेहद आकर्षक लग रही है, जो एयरपोर्ट की सुंदरता में चार-चांद में लगाने का काम करेगी।
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