Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »भारत के खास ख़ास शिविरों में हाथी के साथ खेलें,स्नान करें और करें धमाल

भारत के खास ख़ास शिविरों में हाथी के साथ खेलें,स्नान करें और करें धमाल

अगर आप हाथियों के बारे में ज्यादा जानने के उत्सुक है या फिर हाथियों के साथ खेलना चाहते हैं, तो दक्षिण भारत में स्थित इन खास चार हाथी शिविर की सैर कर सकते हैं।

By Goldi

जब भी हम अपने घरों या फिर शहर में घूमते हुए या फिर सर्कस में करतब दिखाते हुए हाथी को देखते हैं, तो उनके बारे में जानने की उत्सुकता होती है।

पर्यटकों की इसी उत्सुकता को ध्यान में रखते ही भारत में कई हाथी शिविर मौजूद है, जहां हाथियों को पूर्ण रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है और उनका ध्यान भी रखा जाता है। हाथी को हमेशा कोमल और शांत जीव माना जाता है, हालांकि जब हाथी उग्र रूप धारण करते हैं उनके प्रकोप से बच पाना भी मुमकिन नहीं होता है।

अगर आप हाथियों के बारे में ज्यादा जानने के उत्सुक है या फिर हाथियों के साथ खेलना चाहते हैं, तो दक्षिण भारत में स्थित इन खास चार हाथी शिविर की सैर कर सकते हैं।

सकरेबैलु हाथी शिविर - शिमोगा

सकरेबैलु हाथी शिविर - शिमोगा

समय: 8.30 पूर्वाह्न -11 पूर्वाह्न (सभी दिन)

शिमोगा से 14 किमी की दूरी पर स्थित सकरेबैलु हाथी शिविर में हाथियों का इलाज और उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है। इस शिविर में पर्यटक हाथियों को तुंगा नदी में नहाते हुए, खाना खाने की आदत को सीखते हुए देख सकते हैं। सकरेबैलु हाथी शिविर शिमोगा में लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां पर्यटक शिविर के अंदर हाथी सफारी का भी मजा ले सकते हैं।Pc: flicker

पुन्नतथोर कोट्टा - गुरुवायूर

पुन्नतथोर कोट्टा - गुरुवायूर

समय- सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक

पन्ननाथुर कोट्टा या अनाकोट्टा (हाथी पैलेस) एक स्थानीय राजा का एक आवासीय महल था,जिसे बाद में केरल सरकार ने अपने अधीन कर लिया। आज यह जगह भारत के प्रसिद्ध हाथी शिविरों में से एक है, जिसका नाम है पुन्नतथोर कोट्टा। त्रिशूर के गुरुवायूर मंदिर से तीन किमी की दूरी पर स्थित पुन्नतथोर कोट्टा में 52 हाथी है। त्रिशूरपुरम के दौरान यह हाथी लोकप्रिय गुरूवायरुप्पन हिंदू मंदिर के जुलूस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिसके लिए इनका कायाकल्प किया जाता है।Pc:Shijomjose

थेपक्कडु हाथी शिविर

थेपक्कडु हाथी शिविर

समय: सुबह (8.30 बजे से 9 बजे) और शाम (5.30 बजे से शाम 6 बजे)

थेपक्कडु हाथी शिविर (मुदुमलाई हाथी शिविर) में पर्यटकों न केवल अपने दैनिक दिनचर्या करने वाले हाथियों का निरीक्षण कर सकते हैं बल्कि उनके द्वारा प्रस्तुत शो को भी देख सकते हैं । इस शो में प्रशिक्षित हाथियों द्वारा कुछ रोचक शो आयोजित किये जाते हैं। थेपक्कडु हाथी शिविर मुदमुलाई रिजर्व का हिस्सा है और दक्षिण भारत में प्रसिद्ध हाथी शिविरों में से एक है।Pc: flicker

दुबेरे हाथी शिविर

दुबेरे हाथी शिविर

समय: सुबह (9 पूर्वाह्न -1 अपराह्न) और शाम (4.30 बजे से अपराह्न 5.30 बजे)

दुबेरे हाथी शिविर ने इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैसूर में हर्षोल्लास से मनाये जाने वाले दसहरा में यहीं से हाथियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। लेकिन अब इस शिविर के हाथी बूढ़े हो चुके हैं, इसी कारण उन्हें रिटायर कर दिया गया है। कावेरी नदी के तट पर स्थित दुबेरे हाथी शिविर पर पर्यटक स्थल बन चुका है, जहां भरी तादाद में पर्यटक यहां हाथी की सवारी आदि कर सकते हैं, इसके अल वा यहां पर्यटक हाथियों को स्नान और भोजन आदि भी कराते हैं।Pc: flicker

<strong></strong>2017 में इन वन्य जीव पार्कों को पर्यटकों ने किया पसंद2017 में इन वन्य जीव पार्कों को पर्यटकों ने किया पसंद

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X