महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के महाद में स्थित रायगढ़ का किला एक पहाड़ी किला है। इस किले को 1674 में मराठा राजवंश के शासक छत्रपति शिवाजी महाराज ने गद्दी पर बैठने के बाद बनवाया था।
महाराष्ट्र में यात्रा करने के लिए सबसे अच्छी जगह
समुद्रतट से 2700 फीट की ऊंचाई पर महाराष्ट्र की सहयाद्रि की पहाड़ियों में स्थित ये किला बहुत खूबसूरत है। इस किले तक पहुंचने के लिए 1737 सीढियां चढ़नी पड़ती हैं। किले तक पहुंचने के लिए रायगढ़ रोपवे, एरियल ट्रमवे से 30 से 40 मिनट में पहुंचा जा सकता है।
हीराकानी बुरुज के बनने की कहानी
इस किले की एक दीवार हीराकानी बुरुज के नाम से बहुत लोकप्रिय है। इसे एक विशाल खड़ी चट्टान पर बनाया गय है। किवदंती है कि पास ही के गांव की एक हीराकानी नाम की महिला इस किले में रहने वाले लोगों को दूध बेचने आया करती थी। सूर्यास्त पर किले के द्वार बंद होने पर महिला भी किले के अंदर ही रह जाती थी।
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एक बार महिला को अपने नवजात बच्चे के वापस गांव लौटना था लेकिन वो सूर्यास्त होने पर किले के अंदर ही रह गई। तब रात होने पर अपने नवजात बच्चे की तड़प में उस महिला ने साहस दिखाकर खड़ी चट्टान से छलांग लगा दी।एक बार छत्रपति शिवाजी ने उसे ये काम करते हुए देख लिया। उन्होंने महिला की बहादुरी के लिए उसे सम्मानित किया और उसके साहस और बहादुरी की प्रशंसा की। उसी चट्टान पर शिवाजी ने हीराकानी बुर्ज बनवाया।
कैसे पहुंचे रायगढ़
शुरुआती बिंदु : मुंबई
गंतव्य : रायगढ़ किला
आने का सही समय: नवंबर से मार्च
रेल मार्ग : इस किले से विस दसगांव निकटतम रेलवे स्टेशन है जोकि महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां नई दिल्ली, बैंगलोर, मैसूर, जामनगर, चेन्नई आदि से ट्रेनें आती हैं।
सड़क मार्ग : रायगढ़ पहुंचने का सबसे सही साधन सड़क मार्ग है। ये शहर सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और रायगढ़ के लिए प्रमुख शहरों से नियमित बसें भी चलती हैं। मुंबई से रायगढ़ की कुल दूरी लगभग 169 किमी है।PC:rohit gowaikar
मुंबई से रायगढ़ का रूट
मुंबई - पनवेल - रसायनी - दुरशेत - कोलाड - मनगांव - मुंबई-पुणे हाइवे के माध्यम से रायगढ़ किला।
इस रूट से रायगढ़ किले तक पहुंचने में लगभग 3 घंटे 44 मिनट का समय लगेगा। इस रूट की सड़कें व्यवस्थित हैं इसलिए सफर में कोई परेशानी नहीं होगी।
दुरशेत में कहां रूकें
ट्रैफिक से बचने के लिए मुंबई से सुबह जल्दी निकलें। हाईवे पर पहुंचने के बाद नाश्ते के लिए आपको कई विकल्प मिल जाएंगें। यहां आप वड़ा पाव, मसाला पाव, पोहा आदि खा सकते हैं।
अंबा नदी के तट पर स्थित दुरशेत एक छोटा सा गांव है। यहां पर आप स्वादिष्ट नाश्ते का आनंद ले सकते हैं। ये गांव पाली और महाद के दो गणेश मंदिर के बीच में स्थित है और खोपोली गांव के पास है।
ये जगह ऐतिहासिक महत्व भी रखती है क्योंकि यहां पर उंबरखिद के लिए करतलब खान के साथ शिवाजी का युद्ध हुआ था।
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गंतव्य : रायगढ़ का किला
रायगढ़ किले को जवाली के चंद्राराव मोर द्वारा बनवाया गया था। इसका मुख्य परिसर लकड़ी से बना था जिसके अब बस स्तंभ ही शेष हैं।
खंडहर बन चुके इस कले में रानी का कक्ष, 6 कक्ष और सभी में एक निजी आराम गृह है। इसके अलावा किले में तीन वॉच टॉवर भी हैं जिन्हें युद्ध के दौरान नष्ट कर दिया गया था।
ट्रैक की जानकारी
किले तक का ट्रैक ज्यादा मुश्किल नहीं है और इसमें एक से दो घंटे लग सकते हैं। किले से टकमक टोक का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है। इस जगह पर कैदियों को चट्टान से नीचे फेंक दिया जाता था।
ट्रैक की जानकारी
यहां पर ट्रैक में ज्यादातर सीढियां चढ़नी पड़ती हैं। किले तक पहुंचने के लिए 1500 सीढियां चढ़नी पड़ती हैं। इसमें 1.5 से 2 घंटे का समय लगता है। यहां पर गर्मियों के मौसम में नाइट ट्रैक भी बहुत किया जाता है।