जम्मू-कश्मीर का नाम सुनते ही कश्मीर की शानदार घाटी और खूबसूरत नज़ारे सामने आ जाते हैं। कश्मीर के श्रीनगर की डल झील भी बहुत मशहूर है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
जम्मू के धार्मिक स्थल बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इसका खाना और संस्कृति दोनों ही दिल को छू जाते हैं। आज हम आपको जम्मू-कश्मीर के उस कस्बे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं। इस जगह का नाम अवंतीपुर है और जम्मू-कश्मीर आने वाले पर्यटकों को इस जगह की खूबसूरती को जरूर देखना चाहिए।
अवंतीपुर आने का सही समय
इस शहर में अप्रैल से नवंबर के बीच पर्यटकों का आना ज्यादा रहता है। सर्दी के मासैम में यहां अपने साथ गर्म कपड़े जरूर रखकर लाएं क्योंकि ठंड के दौरान अवंतीपुर का तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है। गर्मी में तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहता है इसलिए इस दौरान हल्के सूती कपड़े रखें।
अवंतीपुर कैसे पहुंचे
वायु मार्ग द्वारा: अवंतीपुर से 29 किमी दूर श्रीनगर एयरपोर्ट सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। दिल्ली, चंडीगढ़ और जम्मू से अवंतीपुर के लिए नियमित बसें चलती हैं।
रेल मार्ग द्वारा: जम्मू रेलवे स्टेशनअवंतीपुर से समीप पड़ता है। ये 235 किमी दूर स्थित है। रेलवे स्टेशन से अवंतीपुर के लिए आपको बस या कैब लेनी पड़ेगी।
सड़क मार्ग द्वारा: अवंतीपुर श्रीनगर से जुड़ा हुआ है और बस द्वारा आने पर आपको रास्ते में कई और खूबसूरत जगहें देखने का मौका मिलेगा। श्रीनगर से अवंतीपुर 35 किमी दूर है।
अवंतीपुर के दर्शनीय स्थल
अवंतीपुर की सबसे शानदार इमारत अवंतीस्वामी मंदिर है जिसका निर्माण 855 से 883 ईस्वी में करवाया गया था। यहां पर भगवान शिव का एक और मंदिर स्थित है जिसे अवंतीश्वरा मंदिर के नाम से जाना जाता है। ये मंदिर अवंतीस्वामी मंदिर से महज़ कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है। हालांकि, दोनों ही मंदिरों का निर्माण 9वीं शताब्दी में राजा अवंतीवरमनद्वारा करवाया गया था। यहां पर तुलियन झील भी है जो सर्दी के मौसम में बर्फ से जमी रहती है।
अवंतीस्वामी मंदिर
ग्रीकवास्तुशैली में बना ये मंदिर वास्तव में बहुत अद्भुत है। ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इसमें भगवान विष्णु की मूर्ति की पूजा की जाती है। इसके अलावा मंदिर के सभागृह में चार और मूर्तियां स्थापित हैं। मूर्ति से पहले मंडप और स्तंभी भी हैं।
मंदिर की वास्तुशैली और कला की बात करें तो इसकी नक्काशियों और मूर्तियां बेहद सुंदर हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये मंदिर जमीन में 20 फीट अंदर तक है और इसके सबसे शीर्ष हिस्से को ही साफ देखा जा सकता है। ये मंदिर वितस्ता नदी के किनारे बना है।
अब ये मंदिर पूरी तरह से अदृश्य हो चुका है। बलुआ पत्थर से बना ये मंदिर समय के साथ धुंधला होता जा रहा है।
अवंतीश्वरा मंदिर
ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर का दरवाज़ा बहुत सुंदर है। ये मंदिर जोबरोर गांव में स्थित है। मंदिर में एक प्रमुख मूर्ति और चार छोटी मूर्तियां स्थापित हैं जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं। समय के साथ मंदिर का अस्तित्वखत्म होता जा रहा है लेकिल श्रद्धालु अब भी पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ यहां पूजा करते हैं।
मंदिर में प्रवेश करते ही दीवारों की नक्काशियां आपको आकर्षित करेंगी। इस मंदिर को इतनी खूबसूरती से सजाया गया है कि आपका मन मंत्रमुग्ध हो जाएगा।
तुलिअन झील
समुद्रतट से 3353 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बर्फ से ढकी ये झील पहलगाम से 16 और बैसरन से 16 किमी दूर है। इस झील का पानी जंस्कार और पीर पंजालपहाडियों की श्रृंख्ला में बहता है। कश्मीर की असली खूबसूरती को देखने को लिए तुलिअन झील देखें। बैसरन से झील आना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि यहां का रास्ता बहुत मुश्किल है।
अवंतीपुर के आसपास दर्शनीय स्थल
अवंतीपुर ही नहीं बल्कि इसके आसपास भी आप कई जगहें देख सकते हैं। अवंतीपुर के पास श्रीनगर है जहां आपको कई प्राकृतिक स्थल देखने को मिलेंगे। श्रीनगर की खोज सम्राट अशोक ने की थी। झेलम नदी के तट पर बसा ये शहर बेहद खूबसूरत है। कश्मीर घाटी और डल झील के सौंदर्य को आप यहां देख सकते हैं।
श्रीनगर का मुगल गार्डन, शालीमार बाग, निशात बाग, चश्में शाही और परी महल आपको बहुत पसंद आएंगे। अवंतीपुर से 70 किमी दूर पहलगाम हिल स्टेशन भी है। यहां से अमरनाथ यात्रा शुरु होती है।