हफ्ते भर ऑफिस में काम करने और दिए गए वीकली टारगेट को पूरा करने के बाद वीकेंड का इंतेजार सभी को रहता है। किसी भी निजी या सरकारी कंपनी में काम करने वाले व्यक्ति के लिए वीकेंड खासा महत्त्वपूर्ण होता है। वीकेंड पर हर व्यक्ति के कुछ न कुछ विशेष प्लान रहते हैं, कोई इसे हॉल में नयी मूवी देखते हुए बिताना चाहता है तो वहीँ कुछ लोग वीकेंड पर अपने किचन में कोई ख़ास रेसेपी को ट्राई करते हैं।
इन सब से अलग कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके लिए वीकेंड का उद्देश्य केवल और केवल घूमना होता है। तो इसी क्रम में आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको परफेक्ट वीकेंड गुज़ारने के लिए ले जाएंगे बैंगलोर से नंदी हिल्स की ट्रिप पर।
एडवेंचर के शौकीनों के लिए है बैंगलोर से कोडैकानल तक की रोड ट्रिप
बैंगलोर हवाई अड्डे से 28 किलोमटर और मुख्य शहर से 60 किलोमीटर दूर नंदी हिल्स समुद्र स्तर से 4,851 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थान कर्नाटक राज्य के चिक्काबल्लापुर जिले में स्थित है। आपको बता दें कि बैंगलोर से हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 7 (एनएच -7) पर लगभग 40 किलोमीटर चलने के बाद यहाँ के लिए रास्ता अलग होता है। यहाँ जाने के लिए सरकारी बसें भी उपलब्ध हैं। यह अपेक्षाकृत कम विकसित पर्यटन स्थल है इसलिए ऊपर खाने पीने के लिए कम विकल्प हैं अतः हमारा यही सुझाव है कि यदि आप इस स्थान पर जा रहे हैं तो अपने साथ खाने पीने का सामान अवश्य ले जाएं।
कम विकसित होने के कारण यहां प्रायः भीड़ नहीं होती है लेकिन वीकेंड के दौरान यहां आपको लोगों की चहल पहल देखने को मिलेगी। चूँकि पर्यटकों के लिए ये स्थान सुबह 6 बजे खोला जाता है तो हम आपसे यही कहेंगे कि आप 6 बजने से पहले पहले इस स्थान पर पहुँच जाएं। स्पीती ट्रिप से पहले कुछ जरूरी बातें
आपको बता दें कि यहां आकर आपको प्रवेश का टिकट लेना होगा जिसकी कीमत प्रति व्यक्ति 10 रुपए है। यदि आप गाड़ी से आ रहे हैं तो आपको टिकट पार्किंग के पैसे काटके दिया जायगा। उदाहरण के तौर पर यदि आप 2 लोग हैं और यहां कार से आएं हैं तो आपको कुल 100 रुपए बतौर प्रवेश शुल्क यहां जमा करने होंगे
नंदी हिल्स का इतिहास
नंदी हिल्स का इतिहास बेहद दिलचस्प है। इसकी उत्पत्ति के बारे में कई कहानियां प्रसिद्ध है। कुछ लोगों का मानना है कि इस पहाड़ी का नाम ऐसा इसलिए है क्योंकि इसका आकार सोते हुए बैल की तरह है। इतिहासकारों कि मानें तो पहाड़ी चोल वंश के शासन के दौरान यह स्थान आंनदगिरि के नाम से जाना जाता था। ज्ञात हो कि आज भी इस पहाड़ी में मौजूद मंदिर में चोल राजवंश की झलक देखने को मिलती है ।
नंदी हिल्स कैसे पहुंचे
नंदी हिल्स तक जाने का सबसे सुगम रास्ता रोड से है। यदि आपके पास अपनी गाड़ी नहीं भी है तब भी आप बस और कैब के जरिये यहां पहुँच सकते हैं।
नंदी हिल्स की सैर का सबसे अच्छा समय
नंदी हिल्स की सबसे खूबसूरत दृश्यों को देखने के लिए आप मानसून के अलावा कभी भी आ सकते है। मानसून के दौरान यहां की यात्रा न करें।
कैसे जाएं नंदी हिल्स
नंदी हिल्स तक जाने का सबसे सुगम रास्ता रोड से है। यदि आपके पास अपनी गाड़ी नहीं भी है तब भी आप बस और कैब के जरिये यहां पहुँच सकते हैं।
नंदी हिल्स
बैंगलोर हवाई अड्डे से 28 किलोमटर और मुख्य शहर से 60 किलोमीटर दूर नंदी हिल्स समुद्र स्तर से 4,851 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थान कर्नाटक राज्य के चिक्काबल्लापुर जिले में स्थित है।
नंदी हिल्स
बैंगलोर से हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 7 (एनएच -7) पर लगभग 40 किलोमीटर चलने के बाद यहाँ के लिए रास्ता अलग होता है।
नंदी हिल्स
ये एक ऐसा स्थान है जहां पहाड़ी पर खड़े होकर आपको शहर और उसके आस पास के दर्शन हो जाएंगे।
नंदी हिल्स
कर्नाटक सरकार की तरफ से यहाँ जाने के लिए सरकारी बसें भी उपलब्ध हैं।
नंदी हिल्स
यह अपेक्षाकृत कम विकसित पर्यटन स्थल है इसलिए ऊपर खाने पीने के लिए कम विकल्प हैं अतः हमारा यही सुझाव है कि यदि आप इस स्थान पर जा रहे हैं तो अपने साथ खाने पीने का सामान अवश्य ले जाएं।
नंदी हिल्स
कर्नाटक राज्य का ये खूबसूरत स्थान अपने सनराइज के लिए भी खासा चर्चित है। तो यदि आप यहां आ रहे हों तो यहां का सनराइज देखना न भूलें।
नंदी हिल्स
कम विकसित होने के कारण यहां प्रायः भीड़ नहीं होती है लेकिन वीकेंड के दौरान यहां आपको लोगों की चहल पहल देखने को मिलेगी।
नंदी हिल्स
चूँकि पर्यटकों के लिए ये स्थान सुबह 6 बजे खोला जाता है तो हम आपसे यही कहेंगे कि आप 6 बजने से पहले पहले इस स्थान पर पहुँच जाएं।
नंदी हिल्स
आपको बता दें कि यहां आकर आपको प्रवेश का टिकट लेना होगा जिसकी कीमत प्रति व्यक्ति 10 रुपए है।
नंदी हिल्स
नंदी हिल्स में आज भी आपको चोल राजवंश के अवशेष दिखेंगे जो उस राजवंश की वास्तु कुशलता बताने के लिए काफी हैं।
योगा नंदीदेश्वर मंदिर
पर्यटक जब भी नंदी हिल्स की सैर पर जाएं तो उन्हे योगा नंदीदेश्वर मंदिर में दर्शन करने अवश्य आना चाहिए। इस मंदिर को चोल वंश के राजाओं ने बनवाया था।
योगा नंदीदेश्वर मंदिर
योगा नंदीदेश्वर मंदिर में मौजूद भगवान कार्तिक की मूर्ति।
योगा नंदीदेश्वर मंदिर
यहां कई खूबसूरत डिजाइन बनी हुई है और यहां की दीवारों पर कई शिलालेख और आकृतियां अंकित है। यहां का अन्य आकर्षण कल्याण मंडप है।
योगा नंदीदेश्वर मंदिर
इस मंदिर के परिसर में प्रवेश करने वाले द्वारों पर दो द्वारपालक बैठते है। संभाजी ( शिवाजी के पुत्र ) का शिलालेख भी इस मंदिर का अन्य आकर्षण है और यह मुख्य नंदीदेश्वरा मंदिर का प्रमुख हिस्सा है।
योगा नंदीदेश्वर मंदिर
यहां आने के बाद आपको पूजा का सारा सामान यही मिल जायगा, लेकिन हमारा सुझाव है कि पूजा का सामान आप अपने साथ खुद लाएं। हो सकता है आपको यहां ये सामान महंगा मिले।
नंदी हिल्स में सनराइज
जैसा कि हम बता चुके हैं यहां आने के बाद आप यहां का खूबसूरत सनराइज या सूर्योदय देखना बिलकुल न भूलें।
फोटोग्राफी
नंदी हिल्स उन लोगों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है जो फोटोग्राफी में दिलचस्पी रखते हैं।
नंदी हिल्स में वन्यजीवन
ऊँचाई में स्थित और भीड़ भाड से दूर होने के कारण यहां वन्य जीवन की प्रचुरता है।
नंदी हिल्स में वन्यजीवन
एक सोते हुए बन्दर की दुर्लभ तस्वीर।प्रायःहमनें कभी बंदरों को अपनी आंखों के सामने सोते हुए नहीं देखा होगा।
नंदी हिल्स में वन्यजीवन
यहां आपको ढेरों बन्दर देखने को मिलेंगे।आपको यहां आने पर आपको इस बात का ख्याल रखना होगा कि आप इन बंदरों से छेड़खानी न करें।
नंदी हिल्स में वन्यजीवन
यहां आपको इन बंदरों के कई ऐसे दृश्य दिख जाएंगे जो आपने पहले कभी नहीं देखे होंगे।