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बच्चों की छुट्टियां, बीवी भी कर रही है घूमने की जिद, अरे अब तो टिकट बुक करा ही लीजिये

By Staff

सम्पूर्ण भारत में गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है। जलती चुभती गर्मी और पसीने से हर कोई परेशान है। आज गर्मी के विषय में भारत में रहने वाले लोगों के दो अलग अलग मत हैं कुछ लोगों का मानना है कि गर्मियां घूमने के लिहाज से सही नहीं हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जिनका ये सोचना है कि टूरिज्म के लिहाज से गर्मियां ही वो समय है जब आप किसी स्थान के बारे में बेहतर ढंग से जान सकते हैं उस डेस्टिनेशन को समझ सकते हैं। Must Read : ताज का वो रहस्य जो आपके रौंगटे खड़े कर दे

खैर हमें यहां आपसे गर्मी के विषय पर वाद विवाद नहीं करना है न ही हम ये कहना चाहते हैं कि गर्मियां घूमने के लिहाज से सही या गलत क्योंकि एक ट्रैवलर घूमने के लिए मौसमों का मोहताज नहीं है। ज्ञात हो कि एक ट्रैवलर को बारिश में भीगकर यात्रा करने में उतना ही आनंद आता है जितना उसे गिरती हुई बर्फ देखकर या चिलचिलाती गर्मी में घूमते हुए आता है। बहरहाल आज हमारे इस लेख के माध्यम से हम आपको अवगत करेंगे भारत के उन डेस्टिनेशनों से जिनकी आप मई महीने में यात्रा कर सकते हैं।

इस गर्मी जहां एक तरफ आप लद्दाख की शांत फ़िज़ा को निहार सकते हैं तो वहीँ तवांग की खूबसूरती भी आपके ही लिए है। अब तो बच्चों के समर वेकेशन भी हो चुके हैं तो अब देर किस बात की इस लेख को पढ़ने के बाद आज ही अपना टिकट बुक कराइये और निकल जाइए इन स्थानों पर जिनकी आप इस गर्मी यात्रा कर सकते हैं। आइये जानें इस गर्मी कहां कहां अपने परिवार के साथ घूमने जा सकते हैं आप।

लद्दाख

लद्दाख

इंडस नदी के किनारे पर बसा ‘लद्दाख' , जम्मू और कश्मीर राज्य का एक प्रसिद्ध पर्यटन-स्थल है। इस स्थान को लास्ट संग्रीला, लिटिल तिब्बत, मून लैंड या ब्रोकन मून आदि के नाम से भी जाना जाता है। मुख्य शहर ‘लेह' के अलावा, इस क्षेत्र के समीप कुछ प्रमुख पर्यटन-स्थल जैसे, अलची, नुब्रा घाटी, हेमिस लमयोरू, जांस्कर घाटी, कारगिल आदि भी स्थित हैं। सुन्दर झीलें और मठ, मन को सम्मोहित कर देने वाले परिदृश्य और पहाड़ की चोटियाँ यहाँ की आकर्षक विशेषताएँ हैं। राज्य में बोले जाने वाली आम भाषाओं में लद्दाखी, पुरिग, तिब्बतन, हिन्दी एवं अंग्रेजी शामिल हैं। लद्दाख, विश्व के दो प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं, काराकोरम और हिमालय के बीच, समुद्र की सतह से 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

तवांग

तवांग

अरुणाचल प्रदेश के सबसे पश्चिम में स्थित तवांग जिला अपनी रहस्यमयी और जादुई खूबसूरती के लिए जाना जाता है। समुद्र तल से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस जिले की सीमा उत्तर में तिब्बत, दक्षिण-पूर्व में भूटान और पूर्व में पश्चिम कमेंग के सेला पर्वत श्रृंखला से लगती है। ऐसा माना जाता है कि तवांग शब्द की व्युत्पत्ति तवांग टाउनशिप के पश्चिमी भाग के साथ-साथ स्थित पर्वत श्रेणी पर बने तवांग मठ से हुई है। जहां ‘ता' का अर्थ होता है- ‘घोड़ा' और ‘वांग' का अर्थ होता है- ‘चुना हुआ।'

दार्जिलिंग

दार्जिलिंग

भारतीय फिल्मों में तो आपने दार्जिलिंग को कई बार देखा होगा। हॉलीवुड की भी एक फिल्म में विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग हिमालियन रेलवे को दिखाया गया है। यह एक छोटी रेलवे सेवा जो पर्वतों से होकर गुजरती है। इस सफर में आप विहंगम प्राकृतिक दृश्यों का लुत्फ उठा सकते हैं। दरअसल दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल में स्थित एक हिल स्टेशन है और आप यहां बर्फ से ढंकी चोटियां देख सकते हैं। देखा जाए तो लघु हिमालय यानी महाभारत पर्वत श्रृंखला में बसा दार्जिलिंग वास्तव में स्वर्ग सरीखा है। दार्जिलिंग शहर ब्रिटिश शासनकाल से ही पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता रहा है।

ऋषिकेश

ऋषिकेश

ऋषिकेश, जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, देहरादून जिले का एक प्रमुख तीर्थस्थान है। पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित इस स्थान का हिन्दू समुदाय में बहुत अधिक धार्मिक महत्व है। प्रतिवर्ष, पूरे देश भर से भारी संख्या में पर्यटक इस स्थान के धार्मिक स्थलों, महान हिमालय को देखने तथा गंगा नदी में डुबकी लगाने आते हैं। हिमालय की तलहटी में स्थित ऋषिकेश कई हिन्दू देवी-देवताओं का घर है। इस स्थान के प्राचीन मन्दिरों तथा आश्रमों की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। इस क्षेत्र में योग और ध्यान के केन्द्र भी है जहाँ पर अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा योग और ध्यान का प्रशिक्षण नियमित रूप से दिया जाता है।

शिमला

शिमला

शिमला, एक ख़ूबसूरत हिल स्टेशन है जो हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। समुद्र की सतह से 2202 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस जगह को ‘समर रिफ्यूज' और ‘हिल स्टेशनों की रानी' के रूप में भी जाना जाता है। वर्तमान का शिमला जिला 1972 में निर्मित किया गया था। इस जगह का यह नाम ‘माँ काली' के दूसरे नाम ‘श्यामला' से व्युत्पन्न है। जाखू, प्रॉस्पैक्ट,ऑव्सर्वेटरी, एलीसियम और समर इस जगह की महत्वपूर्ण पहाड़ियाँ हैं। सन् 1864 में इस जगह को ब्रिटिश भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था। स्वतन्त्रता के बाद यह जगह कुछ समय तक पंजाब की राजधानी भी रही। बाद में शिमला को हिमाचल प्रदेश की राजधानी बना दिया गया।

माथेरान

माथेरान

महाराष्ट्र में माथेरान एक अदभुत हिल स्टेशन है - सबसे छोटा और सबसे अधिक प्रसिद्द। लगभग 2650 फुट की ऊँचाई पर बसा यह पर्यटन स्थल पश्चिमी घाट श्रंखला के पहाड़ी क्षेत्र में बसा है। बड़े व्यस्त शहरों से माथेरान की निकटता इसे सप्ताहांत पर शीघ्र आश्रय स्थल बनाती है। माथेरान का अर्थ है ‘सिर पर जंगल'। इतिहास यह बताता है कि किसी ह्यू पोलिंट्ज़ मलेट ने 1850 में माथेरान की खोज की थी।

महाबलेश्वर

महाबलेश्वर

महाराष्‍ट्र के सतारा जिले में महाबलेश्वर एक प्रसिद्ध हिल स्‍टेशन है। पश्चिमी घाटों में स्थित, यह जगह दुनिया के सबसे खुबसूरत हिल स्‍टेशनों में शामिल है। महाबलेश्वर में पर्यटक गर्मी के मौसम में आना पसंद करते है। महाबलेश्‍वर का शाब्दिक अर्थ होता है- गॉड ऑफ ग्रेट पॉवर यानि भगवान की महान शक्ति। महाबलेश्वर को पांच नदियों की भूमि भी कहा जाता है। यहां वीना, गायत्री, सावित्री, कोयना और कृष्‍णा नामक पांच नदियां बहती है। 4,450 फीट की ऊंचाई पर बसा यह शहर 150 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। महाबलेश्वर, मुम्‍बई से 220 किमी. और पुणे से 180 किमी. दूर स्थित है।

ऊटी

ऊटी

ऊटी नीलगिरी की सुंदर पहाड़ियों में स्थित एक सुंदर शहर है। इस शहर का आधिकारिक नाम उटकमंड है तथा पर्यटकों की सुविधा के लिए इसे ऊटी का संक्षिप्त नाम दिया गया है। भारत के दक्षिण में स्थित इस हिल स्टेशन में कई पर्यटक आते हैं। यह शहर तमिलनाडु के नीलगिरी जिले का एक भाग है। ऊटी शहर के चारों ओर स्थित नीलगिरी पहाड़ियों के कारण इसकी सुंदरता बढ़ जाती है। इन पहाड़ियों को ब्लू माउन्टेन (नीले पर्वत) भी कहा जाता है।

कूर्ग

कूर्ग

कुर्ग या कोडागु, कर्नाटक के लोकप्रिय पर्यटन स्‍थलों में से एक है। कूर्ग, कर्नाटक के दक्षिण पश्चिम भाग में पश्चिमी घाट के पास एक पहाड़ पर स्थित जिला है जो समुद्र स्‍तर से लगभग 900 मीटर से 1715 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।कूर्ग को भारत का स्‍कॉटलैंड कहा जाता है और इसे कर्नाटक का कश्‍मीर भी कहा जाता है। यह स्‍थान यहां पाई जाने वाली हरियाली के कारण के प्रसिद्ध है, यहां की सुंदर घाटियां, रहस्‍यमयी पहाडि़यां, बड़े - बड़े कॉफी के बागान, चाय के बागान, संतरे के पेड़, बुलंद चोटियां और तेजी से बहने वाली नदियां, पर्यटकों का मन मोह लेती है।

मुन्‍नार

मुन्‍नार

मुन्‍नार एक अविश्‍वसनीय, शानदार और अति आकर्षक मन को लुभाने वाला हिल स्‍टेशन है जो इडुक्‍की जिले में स्थित है। पहाड़ों के घुमावदार इलाकों से घिरा हुआ यह हिल स्‍टेशन पश्चिमी घाट पर स्थित है। मुन्‍नार नाम का अर्थ होता है तीन नदियां और जो मधुरपुजहा, नल्‍लाथन्‍नी और कुंडाली नदियों के अजीब मिलन स्‍थल वाले क्षेत्र को प्रदर्शित करता है। सीमा पर स्थित होने के कारण, मुन्‍नार शहर के पड़ोसी राज्‍य जैसे तमिलनाडु से कई सांस्‍कृतिक संबंध हैं। पर्यटन गंतव्‍यों की भारी मांग के बाद, यह हिल स्‍टेशन दुनिया भर में केरल के प्रमुख पर्यटन स्‍थलों के रूप में लोकप्रिय होने लगा है।

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