महाकाल की नगरी के नाम से प्रसिद्ध उज्जैन धार्मिक स्थल होने के साथ एक ऐतिहासिक स्थल भी है। यहां घूमने के लिए तमाम जगहें है, जहां आप महाकाल का दर्शन करने के बाद घूमने के लिए जा सकते हैं। मध्य प्रदेश में शिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन में कई प्राचीन मंदिर है, जहां श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। यहां शिवरात्रि, कुंभ और अर्ध कुंभ मेलों का आयोजन होता है, इस शहर से कई पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हैं।
महाकालेश्वर की भूमि उज्जैन
कहा जाता है कि किसी जमाने में इस शहर पर अशोका और विक्रमादित्य जैसे महान राजाओं का शासन था। इसी स्थान पर प्रसिद्ध कवि कालिदास ने अपनी कविताएं लिखी थी। इस शहर को महाकाल की भूमि और हिंदु धर्म के पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। यहां का सबसे प्रसिद्ध मंदिर श्री महाकालेश्वर मंदिर है, जहां लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। भगवान शिव का यह मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
उज्जैन में घूमने लायक स्थान
यह शहर ज्योतिष विद्या का एक बड़ा केंद्र भी माना जाता है। यहां आप कालिदास अकादमी और संदलवाला भवन के साथ-साथ कालियादेह महल का लुत्फ उठा सकते हैं। पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ कुम्भ मेले के दौरान देखी जाती है। इसके अलावा यहां घूमने के लिए हरसिद्धि मंदिर, विक्रम कीर्ति मंदिर, काल भैरव मंदिर, महाकुंभ मेला, बडा गणेश जी मंदिर, भर्तृहरि गुफाएं जा सकते हैं।
उज्जैन का इतिहास
पौराणिक कथाओं की मानें तो जब अमर होने के लिए अमृत की खोज की गई थी, तब राक्षसों और देवताओं के बीच युद्ध होने के दौरान इस शहर पर एक बूंद गिर गई थी, तब इस पवित्र शहर की उत्पत्ति हुई। इसके अलावा इस शहर का एक लम्बा चौड़ा इतिहास भी रहा है। कहा ये भी जाता है कि शहर का प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर का लाखों वर्ष पुराना है।
उज्जैन घूमने का सही समय - अक्टूबर से मार्च तक
कैसे पहुंचें उज्जैन
महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचने के लिए यहां का नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर में स्थित देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा है, जो शहर से 55 किमी. की दूरी पर स्थित है। वहीं, यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन इंदौर में ही स्थित है। इसके अलावा आप यहां सड़क मार्ग से भी आसानी से पहुंच सकते हैं। इंदौर से उज्जैन जाने के लिए सार्वजनिक बस सेवाएं आसानी से मिल जाती है।