नदियां, पृथ्वी पे जन्में हर प्राणी की जीवन रेखा है जिनके बिना जीवन की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। इन्हीं नदियों के बारे में जानना और भी अद्भुत होता है कि कैसे ये एक छोटे से झरने या प्रपात के रूप में उत्पन्न होती हैं और फिर हज़ारों किलोमीटर तक का सफ़र तय कर बड़ी नदी में परिवर्तित हो जाती हैं। आइये चलिए आज हम इस लेख में ऐसी ही प्रसिद्ध नदियों की जन्मभूमि की सैर पर चलते हैं जिनका उद्गम स्थल भारत में ही है।
गौमुख-गंगोत्री
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गंगा- गंगोत्री ग्लेशियर
देश की सबसे पवित्र और विश्व प्रसिद्ध नदी गंगा का उद्गम स्थल उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले का गंगोत्री ग्लेशियर है। गंगोत्री ग्लेशियर चारों तरफ से बर्फ से ढके हिमालय पर्वत से ढका हुआ है। यह खूबसूरत क्षेत्र हिन्दू धर्म का पवित्र तीर्थस्थल भी है। दिलचस्प बात यह है कि गंगोत्री ग्लेशियर के पास ही स्थित गोमुख क्षेत्र भागीरथी नदी का उद्गम स्थल है जो गंगा नदी की ही एक सहायक नदी है। गंगोत्री ग्लेशियर एक रोचक जगह भी है क्यूंकि यहाँ के पवित्र स्थान पर पहुँचने के लिए आपको इसके पहाड़ी परिदृश्य की ट्रेकिंग करते हुए जाना होगा।
कुसावरता कुंड
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गोदावरी- त्रियम्बकेश्वर
गोदावरी जो दक्षिण गंगा के नाम से भी प्रसिद्ध है, गंगा नदी के बाद देश की सबसे बड़ी नदी है। यह महाराष्ट्र के पवित्र स्थल त्रियम्बकेश्वर के समीप पश्चिमी घाट से उत्पन्न होती है। त्रियम्बकेश्वर, प्राचीन शिव मंदिर के लिए विख्यात है जो भारत में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। त्रियम्बकेश्वर के समीप पहाड़ों से उत्पन्न होकर गोदावरी नदी एक मंदिर परिसर में स्थित कुसावरता कुंड में आ मिलती है। यह तालाब गोदावरी नदी के प्राथमिक स्रोतों में से एक माना जाता है। गोदावरी नदी कई किलोमीटर तक बहती हुई, आंध्रप्रदेश में पहुँच बंगाल की खाड़ी से जा मिलती है।
यमुनोत्री
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यमुना- यमुनोत्री
यमुनोत्री भारत में हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। यह यमुना नदी का उद्गम स्थल है, जो गंगा नदी की ही एक सहायक नदी है। उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित यमुनोत्री, छोटा चार धाम की यात्रा में शामिल होने वाला एक पवित्र तीर्थस्थल भी है। दरअसल यमुना नदी का प्राथमिक स्रोत चंपासर ग्लेशियर(जमा हुआ झील) है, पर यह जगह गमनीय नहीं है। इसलिए पहाड़ के तल पर मंदिर का निर्माण किया गया है जहाँ पूरे साल कई भक्तों की भीड़ उमड़ती है। यमुनोत्री मंदिर अक्षय तृतीय(अप्रैल से मई) के समय खोला जाता है और दिवाली के समय बंद कर दिया जाता है।
अमरकंटक
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नर्मदा कुंड
नर्मदा नदी पश्चिम भारत में बहने वाली सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह नदी अमरकंटक के नर्मदा कुंड से उत्पन्न होती है। अमरकंटक मध्यप्रदेश में स्थित पवित्र तीर्थस्थल है जहाँ से तीन नदियों का उद्गम होता है, नर्मदा,सोन और जोहिला नदी। अमरकंटक, मध्यप्रदेश के सतपुड़ा और विंध्या पर्वत में स्थित सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है।
कृष्णा बाई मंदिर
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कृष्णा- महाबलेश्वर
कृष्णा नदी भी पश्चिम में बहने वाली भारत की सबसे लंबी नदियों में से एक है। हिल स्टेशन महाबलेश्वर के पास स्थित जोर गाँव कृष्णा नदी का प्राथमिक स्रोत है। महाबलेश्वर के पास कृष्णा नदी जहाँ से उत्पन्न होती है उसे कृष्णा बाई मंदिर या कृष्णा देवी मंदिर कहा जाता है। इस प्राचीन मंदिर में एक छोटा सा झरना है, जहाँ एक बैल की मूर्ती के मुख से पानी बह कर निकलता है, इसे कृष्णा नदी कहते हैं।
तालकावेरी
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कावेरी- तालकावेरी
कावेरी दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदियों में से एक है। कावेरी नदी कर्नाटक राज्य के ब्रह्मगिरि हिल से उत्पन्न होती है। कर्नाटक के पर्यटक स्थल कूर्ग में तालकावेरी से एक झरना बहता है जिसे कावेरी नदी का प्राथमिक स्रोत कहा जाता है। तालकावेरी कूर्ग में स्थित ब्रह्मगिरि की तलहटी पर बसा एक पवित्र स्थल है।
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