चैत्र नवरात्र 2018 18 मार्च से शुरू हो चुकें हैं। नौ दिन तक चलने वाले चित्र नवरात्र में देवी के नौ रूपों की आराधना की जाती है। कहा जाता है, जो भक्त सच्चे दिल से माता की पूजा करता है, मां उसकी उसकी हर परेशान दूर करती हैं, और उनके जीवन में खुशियां लेकर आती हैं।
भारत में नवरात्र बड़े ही उत्साह के साथ पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवरात्र के दौरान दिल्ली के कुछ खास मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस दौरान भारत के विभिन्न मन्दिरों में देवी के स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसी क्रम में जानते हैं दिल्ली के प्रसिद्ध कालका जी मंदिर के बारे में...
दिल्ली में कहां है कालका जी का मंदिर?
कालका जी मंदिर दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी सोसाइटी में स्थित है। यह मंदिर नेहरु प्लेस बिजनेस सेंटर के अपोजिट में स्थित है।
कालकाजी मंदिर
देश के प्रसिद्ध मन्दिरों में से एक
दिल्ली के दक्षिणी इलाके में स्थित माँ कालका जी का मंदिर देश के प्राचीन सिद्धपीठों में से एक है। बता दें, कालका काली का दूसरा नाम है।Pc:Ashishbhatnagar72
खुद से प्रकट हुए थे कालका जी
ऐसा कहा जाता है कि देवी काली का जन्म देवी पार्वती से हुआ था, जो राक्षसों की बड़ी संख्या से अन्य देवताओं की रक्षा करना चाहती थी। देवी ने यहाँ निवास के रूप में जगह ली और इस प्रकार यह स्थान एक मंदिर के रूप में उभरा। यह मंदिर ईटों की चिनाई द्वारा बनाया गया था परन्तु वर्तमान में यह संगमरमर से सजा है एवं यह चारों ओर से पिरामिड के आकार वाले स्तंभ से घिरा हुआ है।
क्या खास है मंदिर की विशेषता
मंदिर का गर्भगृह 12 तरफ़ा है जिसमें प्रत्येक पक्ष पर संगमरमर से सुसज्जित एक प्रशस्त गलियारा है। यहाँ गर्भगृह को चारों तरफ से घेरे हुए एक बरामदा है जिसमें 36 धनुषाकार मार्ग हैं।हालांकि मंदिर में रोज़ पूजा होती है पर नवरात्री के त्यौहार के दौरान मंदिर में उत्सव का माहौल होता है।
कैसे पहुंचे कालका जी मंदिर
इस्कॉन मन्दिर
नई दिल्ली में भगवान कृष्ण और देवी राधा को समर्पित प्रसिद्ध वैष्ण्व मन्दिर इस्कॉन मन्दिर को श्री राधा पार्थसारथी मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मन्दिर को नई दिल्ली के कैलाश क्षेत्र के पूर्वी भाग में स्थित हरे-भरे सुन्दर हरे कृष्ण पहाड़ी पर सन् 1998 में स्थापित किया गया था। श्री राधा पार्थसारथी मन्दिर की वास्तुकला डिज़ाइन का श्रेय अच्युत कन्विन्डे को जाता है और यह मन्दिर देश के सबसे बड़े मन्दिर परिसरों में से एक है। मुख्य रूप से चार भागों में बँटे इस परिसर में कई हॉल हैं जिनका उपयोग प्रशासनिक उद्देश्य से और कई कमरों का मन्दिर के पुजारियों के लिये और अन्य सेवायें प्रदान करने के लिये होता है। Pc:Bill william compton
लोटस टेम्पल देखें
कालका जी के मंदिर के नजदीक ही कमल मंदिर स्थापित है, जिसे आप देख सकते हैं। कमल मंदिर को बहाई समुदाय के प्रार्थना घर के नाम से भी जाना जाता है। बहाई धर्म के अनुसार उनके प्रार्थना घर के केंद्र हर एक धर्म के लिए हैं। इसलिए किसी भी धर्म के पर्यटकों को इसके अंदर आने की अनुमति है।