चारों धाम की यात्रा दुनिया का हर हिंदू करना चाहता है, यह विश्व के सबसे पवित्र यात्राओं में से एक है। हिमालय के समीप स्थित होने के चलते इन पवित्र धाम में सर्दी के मौसम में बर्फबारी होने लगती है, जिसके चलते भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। ऐसे में महज 6 महीने तक ही धाम के दर्शन किए जा सकते हैं, जो मई या जून के महीने में मंदिर के कपाट खोले जाते हैं और दिवाली के पर्व के बाद कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
चार धाम की यात्रा का चल रहा अंतिम दौर
उत्तराखंड में स्थित होने के नाते यहां सर्दियों के मौसम में हद से ज्यादा बर्फबारी होती है, जिसके चलते यहां बर्फ की मोटी परतें जम जाती है और इस वातावरण में किसी आम का जिंदा रहना असंभव सा हो जाता है, जिससे विधिवत पूजा-पाठ कर के मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। ऐसे में अब दीवाली का त्योहार भी बीत चुका है, जिससे चारों धाम की यात्रा अब अंतिम दौर चल रहा है।
इस दिन बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
अब तक गंगोत्री (26 अक्टूबर), यमुनोत्री (27 अक्टूबर) व केदारनाथ (27 अक्टूबर) के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। वहीं, बर्दीनाथ धाम की बात की जाए तो मंदिर का कपाट 19 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 35 मिनट पूजा-पाठ करने के साथ ही बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में अगर आप भी इस साल बाबा बद्रीनाथ के दर्शन करना चाहते हैं तो 19 नवम्बर के पहले तक आप बाबा के धाम में मत्था टेंक सकते हैं और बाबा बद्रीनाथ के दर्शन कर सकते हैं।
आसपास में घूमने लायक स्थान
बद्रीनाथ के आसपास घूमने की जगहें - ब्रह्म कपाल, व्यास गुफा, भीम पुल, माणा गांव, वसुधरा जलप्रपात, जोशीमठ व तप्त कुंड।
केदारनाथ के आसपास घूमने की जगहें - सोनप्रयाग, त्रियुगी नारायण, वासुकी ताल, रुद्र गुफा, फाटा गांव, ऊखीमठ, गुप्तकाशी व चंद्रशिला।
यमुनोत्री के आसपास घूमने की जगहें - जानकी चट्टी, हनुमान चट्टी, सूर्यकुंड, बड़कोट, खरसाली, दिव्य शिला व सप्तऋषि कुंड।
गंगोत्री के आसपास घूमने की जगहें - भोजवासा, गंगनानी, भैरव घाटी, हरसिल घाटी, धराली, सूर्या कुंड व जलमग्न शिवलिंग।
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