दक्षिण भारत का कर्नाटक देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है, जो न सिर्फ अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। प्राचीन भारत का एक बहुत बड़ा इतिहास कर्नाटक की भूमि से जुड़ा है। यहां एक के बाद एक कई शक्तिशाली राजवंशों ने राज्य किया।
मैसूर, बीदर, बीजापुर, बादामी, हम्पी आदि राज्य के चुनिंदा प्राचीन स्थल हैं, जहां ऐतिहासिक संरचनाओं का एक बहुत बड़ा संग्रह मौजूद है, जिनमें किले, महल, मस्जिद, मंदिर, गुफाएं शामिल हैं। कर्नाटक की यात्रा आपको प्राचीन भारत की ओर लेकर जाएगी, जहां आप अपने रोमांच और सामान्य ज्ञान का विस्तार कर सकते हैं।
इस लेख में आज हम आपको राज्य के प्रसिद्ध प्राचीन शहरों से अलग कर्नाटक के एक अज्ञात स्थल डंबल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने अंदर इतिहास के कई अहम पहलुओं को सचिंत किए बैठा है। जानिए यह स्थल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
प्राचीन डंबल गांव
कर्नाटक के गडग जिले स्थित डंबल एक प्राचीन गांव है, जो 2000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। माना जाता है कि इस गांव का इतिहास मौर्य काल के जुड़ा हुआ है। उस दौरान यह बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था। बौद्ध शिक्षा के आदान प्रदान के लिए यहां कई बौद्ध भिक्षुओं का आवागमन लगा रहता था। यहां बहुत से भिक्षु रहा भी करते थे। क्षेत्र के आसपास की गई पुरातात्विक खुदाई के दौरान यहां बौद्ध धर्म से जुड़े कई साक्ष्यों को प्राप्त किया गया है। हालांकि समय के साथ-साथ यहां कई प्राचीन संरचनाएं ध्वस्त हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी वर्तमान में यहां कई प्राचीन मंदिरों को देखा जा सकता है, जिसमें डोड्डाबसपा मंदिर काफी लोकप्रिय है, जो 12 शताब्दी के समय का बताया जाता है।
जानकारी के अनुसार यहां बढ़ते हिंदुत्व को देखते हुए यहां रहने वाले बौद्ध भिक्षु अन्य जगहों पर चले गए। माना जाता है कि मौर्य और दक्कन के सातवाहन साम्राज्य के समय डंबल के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा। आगे जानिए इस स्थल से जुड़ी और भी जरूरी बातें।
आने का सही समय
PC- Dineshkannambadi
चूंकि यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाला स्थल है, इसलिए यहां पर्यटकों का आवागमन वर्षभर लगा रहता है। हालांकि डंबल आने का आदर्श समय सिंतबर से लेकर मार्च के मध्य तक का है, क्योंकि ग्रीष्मकाल के दौरान यह स्थल अत्यधिक गर्मी ग्रहण करता है। सिंतबर से मार्च के बीच यहां का मौसम अनुकूल बना रहता है।
डंबल के मुख्य आकर्षण
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डंबल, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाला स्थल है, जहां आप कई आकर्षक प्राचीन संरचनाओं को देख सकते हैं। डोड्डाबसपा मंदिर के दर्शन के अलावा आप यहां अन्य अतीत से जुड़ी संरचनाओं को देख सकते हैं। आप यहां आकर्षक वास्तुकला से निर्मित जप्पादबावी, कप्पट मल्लेश्वर मंदिर आदि को देख सकते हैं। डंबल गांव काफी शांत माहौल के बीच स्थित है, जहां की चारों तरफ फैली हरियाली किसी का भी मन मोह सकती है।
क्यों आएं डंबल
डंबल गांव का भ्रमण कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। कला संस्कृति और इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह स्थल काफी ज्यादा मायने रखता है। आप यहां कई साल पुराने मंदिरों और उनकी वास्तुकला को करीब से देख सकते हैं। अज्ञात स्थल के खोजी और कुछ नया जानने वाले जिज्ञासुओं के लिए भी यह स्थल काफी ज्यादा मायने रखता है। डंबल के आसपास का क्षेत्र काफी खूबसूरत और आकर्षक है, इसलिए यह गांव प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफी का शौक रखने वालों के लिए भी काफी ज्यादा मायने रखता है। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।
कैसे करें प्रवेश
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डंबल गांव कर्नाटक के गडग जिले में स्थित है, जहां आप परिवहन के तीनों साधनों की मदद से पहुंच सकते हैं। यहां का निकटवर्ती हवाईअड्डा बैंगलोर एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप गडग रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों के द्वारा भी यहां पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों से डंबल राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।