यदि आप चाय की प्याली के शौक़ीन हैं तो आपने ज़रूर ही दार्जिलिंग का नाम सुना होगा। आज अगर हम भारत के सबसे बड़े चाय निर्यातक की बात करें तो ये कहना बिलकुल भी अतिश्योक्ति न होगी कि उच्च गुणवत्ता वाली चाय और उसके निर्यात के मामले में दार्जिलिंग नंबर एक है और इसकी तुलना चाय निर्यात करने वाले दुनिया के किसी देश से नहीं की जा सकती। पश्चिम बंगाल में लघु हिमालय पर्वत श्रृंखला में बसा दार्जिलिंग वास्तव में किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
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दार्जिलिंग शहर अपने शुरूआती दौर यानी ब्रिटिश शासनकाल से ही पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता रहा है। यहां आकर आप सफ़ेद बर्फ से ढंकी ऊंची ऊंची चोटियां देख सकते हैं। दार्जिलिंग को पहाड़ों की रानी के नाम से भी जाना जाता है।
इस जगह की खूबसूरती ऐसी है कि कोई भी देखने वाला इस स्थान की सुंदरता का वर्णन शब्दों में नहीं कर सकता है क्योंकि आप जब भी दार्जिलिंग की तारीफ में कुछ लिखेंगे आपको महसूस होगा कि इस जगह की खूबसूरती और यहां के शांत वातावरण के आगे ये तो कुछ भी नहीं है। आज दार्जिलिंग का शुमार भारत के चुनिंदा हनीमून स्थल में है। ये यहां का शांत वातावरण और खूबसूरती ही है जिस कारण आज दार्जिलिंग को आने वाले पर्यटकों द्वारा पसंद किया जा रहा है।
यूं तो दार्जिलिंग में पर्यटकों के लिए काफी कुछ है। इनमें से हैप्पी वैली टी एस्टेट, लॉयड बॉटनिकल गार्डन, बतासिया लूप व युद्ध स्मारक, केबल कार, भूटिया बस्टी गोंपा और हिमालियन माउंटेनीरिंग इंस्टीट्यूट और म्यूजियम प्रमुख है। लेकिन आप यहां के चाय के बागानों की यात्रा और दार्जिलिंग हिमालियन रेलवे का आनंद अवश्य लें। अगर आपने इन दोनों चीजों का लुत्फ़ नहीं लिया तो एक हद तक ये कहा जा सकता है कि आपकी यात्रा अधूरी है।
चाय
जिस तरह बिन चाय के जीवन अधूरा है ठीक उसी प्रकार यदि दार्जिलिंग पर बात करते हुए चाय का वर्णन नहीं किया गया तो यहां की यात्रा अधूरी है। आज दार्जिलिंग की चाय को दुनिया भर के चाय प्रेमियों द्वारा पसंद किया जाता है। दार्जिलिंग में आपको चाय की कई अलग अलग किस्में देखने को मिलेंगी। दार्जिलिंग में मुख्यतः काली, हरी, सफ़ेद और ओलांग चाय का उत्पादन और निर्यात किया जाता है। यहां के चाय बागानों में आप आसानी से घूम सकते हैं तो यदि आप यहां हों तो अपने परिवार, दोस्तों, रिश्तेदारों के लिए चाय अवश्य खरीद के लाइए।
टॉय ट्रेन
दार्जिलिंग का एक मुख्य पर्यटक आकर्षण यहां की टॉय ट्रेन भी है । आपको बता दें कि इसका शुमार यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में किया गया है। दार्जिलिंग में टॉय ट्रेन की शुरुआत 1800 ई में की गई थी।
आज यह भारत की एकमात्र मिनी रेलवे सुविधा है। वैसे तो टॉय ट्रेन अपने नीयत समय पर चलती है, पर घूमने के उद्देश्य से भी इसे चलाया जाता है।'ट्रेन से दिखने वाला नजारा लाजवाब होता है। टॉय ट्रेन की सवारी किए बिना दार्जिलिंग की यात्रा अधूरी मानी जाएगी। आपने इस ट्रेन को कई सारी बॉलीवुड फिल्मों में भी देखा होगा अगर बात बॉलीवुड की हालिया रिलीज फिल्मों की करें तो रणबीर कपूर और प्रियंका चोपड़ा अभिनीत फ़िल्म बर्फी के कई सारे प्रमुख सीन दार्जिलिंग और इसी टॉय ट्रेन में शूट किये गए है।