मुंबई, भारत का आधुनिक शहर, एक पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ कई महान हस्तियों के सपनों को भी पाला और पूरा किया है, इसलिए इसे सपनों की नगरी भी कहते हैं। सपनों के इस शहर का एक इतिहास भी है जो एक छोटे से मंदिर से आरंभ हुआ था। चलिए हम जानते हैं कि, सपनों का यह शहर कैसे अस्तित्व में आया।
शहर का यह नाम यहाँ स्थापित मुंबा देवी मंदिर से पड़ा है, जो देवी मुंबा को समर्पित है। मुंबा देवी मुंबई में ही बसे एक मछुआरों की जाति कोली की पालक देवी है,यह उनकी कुलदेवी है।
मुंबा देवी मंदिर
Image Courtesy: Magiceye
ऐसा माना जाता है कि, अष्टभुजी देवी को भगवान ब्रह्मा जी द्वारा इस जगह में भेजा गया था, दानव मुंबारका का वध करने को, जिसने सारे मुंबई वासियों को अपने प्रकोप से डरा रखा था। अपनी हार के बाद वह दानव उनके पैरों पर गिर पड़ा और उनसे क्षमा याचना कर उनके नाम पर एक मंदिर बनाने की अनुमति प्राप्त की। अनुमति मिलने के पश्चात् उसने शहर के बिल्कुल दिल में मुंबा देवी के अद्भुत भव्य मंदिर का निर्माण किया।
मंदिर की वास्तुकला किसी चमत्कार से कम नहीं है। देवी की प्रतिमा को चाँदी के मुकुट, सोने के हार और बड़ी सी नथुनी से सजाया गया है। प्रतिमा में मूंह नहीं है, जो धरती माता की प्रतीक है। भगवान गणेश और भगवान हनुमान जी के भी प्रतिमा मंदिर के ही परिसर में स्थापित हैं। देवी अन्नपूर्णा जो मोर में विराजमान हैं और एक बाघ की भी आकृति आपको यहाँ देखने को मिलेंगी।
मुंबा देवी की भव्य प्रतिमा
जैसा कि मंदिर की देवी की पूजा वहाँ के मूल निवासियों द्वारा की जाती है, हर समय यहाँ के निवासी और कुछ पर्यटक इनके दर्शन के लिए आते रहते हैं। मंदिर के बाहर ही सामने कई दुकानें आपको मिल जाएँगी जहाँ फूल और पूजा की अन्य सामग्रियाँ मिलती हैं, मंदिर की देवी पर चढ़ावा चढ़ाने के लिए। आपकी मुंबई की यात्रा अधूरी होगी अगर आपने इस दिव्य मंदिर जहाँ से इस शहर का नाम पड़ा, इसके दर्शन नहीं किए तो।
मंदिर के समीप ही सैर के कुछ अन्य स्थल
मंदिर के पास ही कुछ और भी जगह हैं, जो आपके घूमने लायक हैं। क्रॉफोर्ड मार्केट मुंबई के प्रसिद्ध बाज़ारों में से एक है, जो मंदिर के पास ही है। चौपाटी बीच, मुंबई का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। ज़ावेरी बाज़ार जो मुंबई में सोने का बाज़ार होने के लिए लोकप्रिय है, यह मुंबा देवी मंदिर के निकट ही स्थित है।
तो निकल पड़िए, सपनों के इस शहर की यात्रा में और जानिए मुंबा देवी मंदिर जिनके नाम पर इस शहर का नाम पड़ा, उनकी दिव्य महिमा को।
"आपकी यात्रा मंगलमय हो!"
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